ग्रेटर नोएडा और गाजियाबाद में भाकियू की 'ट्रैक्टर तिरंगा यात्रा' को पुलिस ने रोका, हुई नोकझोंक

Story by  एटीवी | Published by  [email protected] | Date 09-08-2024
  BKU's 'Tractor Tiranga Yatra'
BKU's 'Tractor Tiranga Yatra'

 

ग्रेटर नोएडा. संयुक्त किसान मोर्चा के आह्वान पर देशभर में शुक्रवार को किसान 'ट्रैक्टर तिरंगा यात्रा' निकाल रहे हैं. ग्रेटर नोएडा और गाजियाबाद में भी किसानों ने 'ट्रैक्टर तिरंगा यात्रा' निकाली, जिसे कई जगहों पर पुलिस ने रोक दिया.

पुलिस की ओर 'ट्रैक्टर तिरंगा यात्रा' रोके जाने पर किसानों और पुलिस के बीच कहासुनी भी हुई. किसान 11 सूत्री अपनी मांगों का ज्ञापन जिला कलेक्ट्रेट में सौंपने जा रहे थे.

दरअसल, शुक्रवार को ग्रेटर नोएडा में भारतीय किसान यूनियन के किसानों ने एक विशाल ट्रैक्टर मार्च निकाला. 'ट्रैक्टर तिरंगा यात्रा' ग्रेटर नोएडा के जीरो पॉइंट से शुरू होकर परी चौक होते हुए जिला मुख्यालय सूरजपुर की तरफ जा रही थी. इसी बीच रास्ते में किसानों और पुलिस अफसरों के बीच नोकझोंक हुई. पुलिस ने किसानों को बीच में ही रोक दिया.

इस किसान 'ट्रैक्टर तिरंगा यात्रा' का मुख्य उद्देश्य प्रदेश सरकार का ध्यान किसानों की समस्याओं की ओर आकर्षित करना है. इस मार्च के माध्यम से भाकियू ने प्रदेश सरकार को उन वादों को याद दिलाने की कोशिश की, जो सरकार ने अपने घोषणा पत्र में किए थे. इसके साथ ही किसानों के लिए लंबित मुद्दों को भी उठाया गया.

गाजियाबाद में भी दुहाई से 'तिरंगा यात्रा' निकाला जा रहा था, जिसे पुलिस ने बीच में ही रोक दिया. यात्रा रोके जाने के बाद किसान अपने ट्रैक्टर को लेकर काफी देर तक रास्ते पर ही बैठ गए. जिससे ट्रैफिक जाम की स्थिति हो गई. काफी देर तक पुलिस और किसानों के बीच नोकझोंक चलती रही.

जानकारी के अनुसार, अब पुलिस ने किसानों को गाजियाबाद कलेक्ट्रेट जाने की इजाजत दे दी है. किसानों की 11 सूत्री मांगों में न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) गारंटी कानून भी है. भाकियू ने केंद्र सरकार से मांग की है कि एमएसपी की गारंटी देने के लिए नई कमेटी का गठन किया जाए और इसे जल्द अमलीजामा पहनाया जाए.

भाकियू का कहना है कि इस कानून की सबसे ज्यादा जरूरत है. केंद्र सरकार के तीसरे कार्यकाल की शुरुआत में इसे लागू किया जाना चाहिए. इसके अलावा स्वामीनाथन आयोग की रिपोर्ट, किसान आयोग का गठन, गन्ने का मूल्य समेत अन्य मांग भी शामिल हैं. इसके अलावा मुफ्त बिजली, बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों का मुआवजा आदि कई अन्य मांगों का ज्ञापन किसान जिलाधिकारी को सौंपने जा रहे हैं.