मंडी. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 11,000 करोड़ रुपये की जलविद्युत परियोजनाओं का उद्घाटन और आधारशिला रखने के लिए सोमवार को मंडी का दौरा करेंगे, जिसे 'छोटी काशी' भी कहा जाता है.
वह हिमाचल प्रदेश ग्लोबल इन्वेस्टर्स मीट के दूसरे ग्राउंडब्रेकिंग समारोह की भी अध्यक्षता करेंगे, जिससे लगभग 28,000 करोड़ रुपये की परियोजनाओं की शुरूआत के माध्यम से क्षेत्र में निवेश को बढ़ावा मिलने की उम्मीद है.
कार्यक्रम को राज्य में जयराम ठाकुर के नेतृत्व वाली भाजपा सरकार के चार साल पूरे पर आयोजित किया जा रहा है. एक आधिकारिक बयान में कहा गया है कि प्रधानमंत्री ने देश में उपलब्ध संसाधनों की अप्रयुक्त क्षमता का पूरी तरह से उपयोग करने पर लगातार ध्यान केंद्रित किया है और इस संबंध में एक कदम हिमालयी क्षेत्र में जलविद्युत क्षमता का अधिकतम उपयोग करना है.
प्रधानमंत्री रेणुकाजी बांध परियोजना की आधारशिला रखेंगे. 40 मेगावाट की इस परियोजना का निर्माण लगभग 7,000 करोड़ रुपये की लागत से किया जाएगा.
यह दिल्ली के लिए बेहद फायदेमंद साबित होगा, जो प्रति वर्ष लगभग 500 मिलियन क्यूबिक मीटर पानी की आपूर्ति प्राप्त करने में सक्षम होगा. प्रधानमंत्री लुहरी चरण 1 जल विद्युत परियोजना की आधारशिला रखेंगे.
210 मेगावाट की इस परियोजना का निर्माण 1,800 करोड़ रुपये से अधिक की लागत से किया जाएगा. इससे प्रति वर्ष 750 मिलियन यूनिट से अधिक बिजली का उत्पादन होगा.
मोदी धौलासिद्ध हाइड्रो पावर प्रोजेक्ट की भी आधारशिला भी रखेंगे. यह हमीरपुर जिले की पहली जलविद्युत परियोजना होगी. 66 मेगावाट की इस परियोजना का निर्माण 680 करोड़ रुपये से अधिक की लागत से किया जाएगा.
इससे प्रति वर्ष 300 मिलियन यूनिट से अधिक बिजली का उत्पादन होगा. प्रधानमंत्री सावरा-कुड्डू जलविद्युत परियोजना का उद्घाटन करेंगे. 111 मेगावाट की इस परियोजना का निर्माण लगभग 2,080 करोड़ रुपये की लागत से किया गया है.
इससे प्रति वर्ष 380 मिलियन यूनिट से अधिक बिजली का उत्पादन होगा, और राज्य को सालाना 120 करोड़ रुपये से अधिक का राजस्व अर्जित करने में मदद मिलेगी.