नई दिल्ली
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी बुधवार को पांच देशों की यात्रा पर रवाना हो गए हैं। इस यात्रा के दौरान वे ब्रिक्स शिखर सम्मेलन में भाग लेंगे और घाना, त्रिनिदाद और टोबैगो, अर्जेंटीना, नामीबिया और ब्राज़ील के राष्ट्राध्यक्षों से द्विपक्षीय वार्ताएं करेंगे। इस दौरे का उद्देश्य भारत के इन देशों से रणनीतिक, आर्थिक और सांस्कृतिक संबंधों को और सुदृढ़ करना है।
प्रधानमंत्री मोदी अपनी यात्रा की शुरुआत घाना से करेंगे। यह किसी भारतीय प्रधानमंत्री की तीन दशकों बाद घाना की पहली द्विपक्षीय यात्रा होगी।
यहां वे घाना के राष्ट्रपति से मुलाकात कर आर्थिक, ऊर्जा, रक्षा सहयोग और विकास भागीदारी पर चर्चा करेंगे।
विदेश मंत्रालय (MEA) के अनुसार, यह यात्रा भारत और घाना के बीच ECOWAS (इकोनॉमिक कम्युनिटी ऑफ वेस्ट अफ्रीकन स्टेट्स) तथा अफ्रीकी संघ के साथ भारत के संबंधों को मजबूत करने का संकेत है।
यह प्रधानमंत्री मोदी की त्रिनिदाद और टोबैगो की पहली आधिकारिक यात्रा होगी। इस स्तर पर पिछली द्विपक्षीय यात्रा 1999 में हुई थी।
यहां मोदी राष्ट्रपति क्रिस्टीन कार्ला कांगालू और प्रधानमंत्री कमला पर्साद-बिसेसर से मुलाकात करेंगे। साथ ही वे त्रिनिदाद और टोबैगो की संसद के संयुक्त सत्र को संबोधित भी कर सकते हैं।
MEA ने कहा कि यह यात्रा दोनों देशों के ऐतिहासिक और सांस्कृतिक संबंधों में नई ऊर्जा का संचार करेगी।
यहां पीएम मोदी राष्ट्रपति जैवियर मिलेई से द्विपक्षीय वार्ता करेंगे। वार्ता में रक्षा, कृषि, खनन, तेल व गैस, नवीकरणीय ऊर्जा, व्यापार व निवेश सहित अनेक क्षेत्रों में सहयोग बढ़ाने पर चर्चा होगी।
MEA के अनुसार, यह यात्रा भारत-अर्जेंटीना के बहुआयामी रणनीतिक साझेदारी को गहराई देगी।
प्रधानमंत्री मोदी 5 से 8 जुलाई तक ब्राज़ील में रहेंगे। वे रियो डी जेनेरियो में आयोजित 17वें ब्रिक्स शिखर सम्मेलन 2025 में भाग लेंगे। इसके बाद वे राजधानी ब्रासीलिया में ब्राज़ील के राष्ट्रपति लुइज़ इनासियो लूला डा सिल्वा से मुलाकात करेंगे।
शिखर सम्मेलन में पीएम मोदी वैश्विक शासन में सुधार, बहुपक्षीय सहयोग, एआई का जिम्मेदार उपयोग, जलवायु परिवर्तन, वैश्विक स्वास्थ्य और आर्थिक विषयों पर विचार-विमर्श करेंगे।
ब्राज़ील के साथ उनकी यह चौथी द्विपक्षीय यात्रा होगी, जिसमें व्यापार, ऊर्जा, अंतरिक्ष, प्रौद्योगिकी, स्वास्थ्य और जन संपर्क को लेकर समझौतों पर चर्चा हो सकती है।
प्रधानमंत्री मोदी 9 जुलाई को नामीबिया की पहली आधिकारिक यात्रा करेंगे। यह भारत से किसी प्रधानमंत्री की नामीबिया की तीसरी यात्रा होगी।
यहां वे राष्ट्रपति नेटुम्बो नांडी-नडैतवाह से मुलाकात करेंगे और देश के संस्थापक सैम नुजोमा को श्रद्धांजलि अर्पित करेंगे। इसके साथ ही वे नामीबिया की संसद को भी संबोधित कर सकते हैं।
MEA के अनुसार, यह यात्रा भारत और नामीबिया के गहरे ऐतिहासिक और बहुआयामी संबंधों की पुनर्पुष्टि है।
इस पांच देशों की यात्रा से प्रधानमंत्री मोदी का उद्देश्य भारत की वैश्विक उपस्थिति और रणनीतिक साझेदारियों को और मजबूत करना है, विशेषकर अफ्रीका और लैटिन अमेरिका जैसे उभरते क्षेत्रों में।