आवाज द वॉयस/ नई दिल्ली
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सोमवार को अपने आवास पर एक बैठक की अध्यक्षता की, जिसमें रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह, विदेश मंत्री एस जयशंकर, राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार (एनएसए) अजीत डोभाल और चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ जनरल अनिल चौहान शामिल हुए. बैठक में एयर चीफ मार्शल एपी सिंह, सेना प्रमुख जनरल उपेंद्र द्विवेदी, नौसेना प्रमुख एडमिरल दिनेश के त्रिपाठी और विदेश सचिव विक्रम मिस्री शामिल हुए.
इससे पहले 11 मई को, पीएम मोदी ने सशस्त्र बलों को सीमा पार से गोलीबारी और गोलाबारी का पूरी ताकत से जवाब देने के स्पष्ट निर्देश दिए थे, उन्होंने कहा था, "वहां से गोली चलेगी, तो यहां से गोला." उन्होंने कहा कि ऑपरेशन सिंदूर अभी खत्म नहीं हुआ है, और भारत नियंत्रण रेखा (एलओसी) के पार से दागी गई हर पाकिस्तानी गोली का जवाब बम से देगा. उन्होंने कहा कि पीएम ने कहा है कि बहुत हो गया, "वहां से गोली चलेगी, तो यहां से गोला चलेगा." उन्होंने कहा कि हवाई अड्डों पर हमले निर्णायक मोड़ थे. सूत्रों ने कहा, "अगर वे गोली चलाते हैं, तो हम गोली चलाएंगे और अगर वे हमला करते हैं, तो हम हमला करेंगे."
शत्रुता समाप्त करने के बारे में भारत और पाकिस्तान के बीच सहमति के बाद, भारतीय वायु सेना ने बताया कि ऑपरेशन सिंदूर में उसे सौंपे गए कार्य "सटीकता" और "पेशेवरता" के साथ पूरे किए गए हैं. उन्होंने आगे बताया कि ऑपरेशन अभी भी जारी है और समाप्त नहीं हुआ है.
'एक्स' पर उनके पोस्ट के अनुसार, इस बारे में एक विशेष ब्रीफिंग नियत समय पर आयोजित की जाएगी. भारतीय वायु सेना ने सभी से अटकलों से बचने और असत्यापित जानकारी प्रसारित करने से बचने का भी आग्रह किया. भारतीय वायुसेना ने एक्स पर पोस्ट किया, "भारतीय वायुसेना (आईएएफ) ने ऑपरेशन सिंदूर में अपने सौंपे गए कार्यों को सटीकता और व्यावसायिकता के साथ सफलतापूर्वक अंजाम दिया है. ऑपरेशन राष्ट्रीय उद्देश्यों के साथ एक जानबूझकर और विवेकपूर्ण तरीके से संचालित किए गए थे.
चूंकि ऑपरेशन अभी भी जारी है, इसलिए समय आने पर विस्तृत ब्रीफिंग की जाएगी. भारतीय वायुसेना सभी से अटकलों और असत्यापित सूचनाओं के प्रसार से बचने का आग्रह करती है." पिछले महीने जम्मू और कश्मीर के पहलगाम में हुए घातक हमले के बाद पाकिस्तान और पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर में कई आतंकी ठिकानों पर हमला करने के लिए 7 मई को ऑपरेशन सिंदूर शुरू किया गया था.