आवाज द वॉयस/नई दिल्ली
पंजाब के अमृतसर जिले में कथित तौर पर नकली शराब के सेवन से कम से कम 17 लोगों की मौत हो गई. पुलिस ने मंगलवार को यह जानकारी दी.
उन्होंने बताया कि शराब पीने से हुई जटिलताओं के कारण छह लोगों को अस्पताल में भर्ती कराया गया है. अधिकारियों ने बताया कि नकली शराब के सेवन से भंगली, पातालपुरी, मरारी कलां और थेरेवाल के गांवों में लोगों के मारे जाने की सूचना है. पुलिस की जांच में खुलासा हुआ कि नकली शराब बनाने के लिए इस्तेमाल ‘मेथेनॉल’ थोक में ऑनलाइन खरीदा गया था. पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान ने कहा कि मजीठा के गांवों में निर्दोष लोगों की मौत के लिए जिम्मेदार लोगों को बख्शा नहीं जाएगा। उन्होंने ‘एक्स’ पर एक पोस्ट में कहा, ‘‘ये मौत नहीं, बल्कि हत्याएं हैं.
पंजाब में विपक्षी दलों ने आम आदमी पार्टी (आप) के नेतृत्व वाली सरकार पर निशाना साधा और उस पर कथित शराब माफिया को नियंत्रित करने में ‘‘विफल’’ रहने का आरोप लगाया. उन्होंने मान और आबकारी मंत्री हरपाल सिंह चीमा के इस्तीफे की भी मांग की. इस बीच, अमृतसर जिला प्रशासन ने कई मेडिकल टीम तैनात की हैं जो प्रभावित गांवों में घर-घर जाकर उन लोगों की जांच कर रही हैं जिन्होंने संभवतः नकली शराब पी थी. अमृतसर की उपायुक्त (डीसी) साक्षी साहनी ने कहा कि मारे गए अधिकतर लोग दिहाड़ी मजदूर थे.
राज्य में एक साल से भी कम समय में नकली शराब के सेवन से हुई मौत का यह दूसरा मामला है. मार्च 2024 में संगरूर जिले में नकली शराब के सेवन से 20 लोगों की जान चली गई थी. 2020 में तरनतारन, अमृतसर और बटाला में नकली शराब के सेवन के कारण कुल 120 लोगों की मौत हुई थी. पुलिस महानिदेशक (डीजीपी) गौरव यादव ने कहा कि मजीठा में पुलिस उपाधीक्षक (डीएसपी) और थाना प्रभारी (एसएचओ) को लापरवाही के आरोप में निलंबित कर दिया गया है.
यादव ने ‘एक्स’ पर पोस्ट में कहा, ‘‘मजीठा में हुई दुर्भाग्यपूर्ण घटना में नकली शराब के सेवन के कारण हुई मौत के बाद पंजाब पुलिस ने त्वरित कार्रवाई की है। नकली शराब बनाने वाले रैकेट के सरगना सहित नौ लोगों और कई स्थानीय वितरकों को अवैध शराब के कारोबार के सिलसिले में गिरफ्तार किया गया है। ‘मेथेनॉल’ को ऑनलाइन खरीदा गया था और इसका इस्तेमाल नकली शराब बनाने में किया गया. पूरी कार्यप्रणाली का पता लगाने और इसमें शामिल सभी लोगों को न्याय के कठघरे में लाने के लिए जांच जारी है. उन्होंने पोस्ट में लिखा, ‘‘भारतीय न्याय संहिता और आबकारी अधिनियम की संबंधित धाराओं के तहत एक प्राथमिकी दर्ज की गई है. मजीठा उप-मंडल के डीएसपी और मजीठा के थाना प्रभारी को घोर लापरवाही के आरोप में निलंबित कर दिया गया है. दोषियों के खिलाफ विभागीय जांच शुरू कर दी गई है.’
पुलिस ने बताया कि इस घटना के बाद सात आरोपियों को गिरफ्तार किया गया है. गिरफ्तार किए गए लोगों की पहचान मुख्य आरोपी प्रभजीत सिंह और कुलबीर सिंह, साहिब सिंह, गुरजंत सिंह तथा निंदर कौर के रूप में हुई है. पुलिस को सोमवार रात को इन मौत के बारे में सूचना मिली.
पुलिस उप महानिरीक्षक (बॉर्डर रेंज) सतिंदर सिंह ने कहा कि मुख्य आरोपी सहित सात लोगों को गिरफ्तार कर लिया गया है और जांच जारी है. पुलिस उपमहानिरीक्षक (बॉर्डर रेंज) सतिंदर सिंह और जालंधर ग्रामीण वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक (एसएसपी) मनिंदर सिंह के साथ उपायुक्त (डीसी) साक्षी साहनी ने प्रभावित गांवों का दौरा किया। उन्होंने पीड़ित परिवारों से मुलाकात भी की. साहनी ने यहां संवाददाताओं से कहा, ‘‘हमें जैसे ही इसके (नकली शराब त्रासदी) बारे में जानकारी मिली, हमने तुरंत मेडिकल टीम तैनात कर दी. हमारी टीम घर-घर जाकर लोगों से मिल रही हैं. भले ही शराब का सेवन करने वालों में लक्षण नहीं हैं, लेकिन हम जोर दे रहे हैं कि उन्हें मेडिकल जांच के लिए अस्पताल में भर्ती कराया जाए.
उपायुक्त ने कहा कि पीड़ितों ने रविवार या सोमवार को नकली शराब का सेवन किया था और इसके बाद उन्हें उल्टी होने लगी थी. डीसी ने कहा, ‘‘हम प्रभावित परिवारों के साथ हैं और उन्हें अपना पूरा समर्थन देने का आश्वासन देते हैं. एसएसपी सिंह ने कहा कि मुख्य आरोपी प्रभजीत सिंह को 50 लीटर ‘मेथेनॉल’ की आपूर्ति मिली थी जिसे उसने हल्का मिश्रण बनाकर दो-दो लीटर के पैकेट में लोगों को बेचा. उन्होंने कहा, ‘‘हम हर पैकेट का पता लगा रहे हैं और उसे जब्त कर रहे हैं. पुलिस ने बताया कि मुख्य आरोपी से पूछताछ में पता चला कि साहिब सिंह नामक व्यक्ति ने ‘मेथेनॉल’ का ऑनलाइन ऑर्डर दिया और फिर उसे वितरित किया.