जयपुर
राजस्थान के जैसलमेर जिले में मंगलवार को चलती बस में आग लगने की एक भयावह घटना हुई, जिसमें कम से कम 19 यात्रियों की जान चली गई। पुलिस सूत्रों के अनुसार, यह बस जैसलमेर से जोधपुर की ओर जा रही थी जब ये हादसा घटा।
पुलिस ने बताया कि बस में कुल 57 यात्री सवार थे। दोपहर करीब तीन बजे जब यह बस जैसलमेर-जोधपुर राजमार्ग पर पहुंची, तो अचानक बस के पिछले हिस्से से धुएँ की लपटें उठने लगी। ड्राइवर ने तुरंत वाहन रोका और सड़क किनारे ले जाकर खड़ा किया, लेकिन केवल कुछ ही पलों में यह पूरी तरह से आग की लपटों में घिर गई।
स्थानीय लोग और राहगीर घटना स्थल पर तुरंत पहुंच गए और बचाव कार्य शुरू किया। प्रत्यक्षदर्शियों ने बताया कि कई यात्रियों को बाहर निकलने का मौका नहीं मिला और वे तेज़ आग में जल गए।
सूचना मिलते ही दमकल विभाग और पुलिस मौके पर पहुँचे, और उन्होंने आग पर नियंत्रण पाया। घायल यात्रियों को रेस्क्यू कर जैसलमेर के जवाहर अस्पताल में भर्ती कराया गया।
प्रारंभिक जाँच से पुलिस का अनुमान है कि आग शॉर्ट सर्किट के कारण लगी थी। ज़िला प्रशासन ने राहत और बचाव कार्रवाई तुरंत शुरू कर दी है।
ज़िला कलेक्टर प्रताप सिंह ने घायलों के प्रति समुचित चिकित्सा व्यवस्था सुनिश्चित करने के लिए एक हेल्पलाइन नंबर भी जारी करने के आदेश दिए हैं। इस घटना पर राज्यपाल हरिवंश बागड़े, मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा, पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत, भाजपा प्रदेश अध्यक्ष मदन राठौड़ सहित अन्य राजनीतिक दलों ने गहरा दुख व्यक्त किया है।
मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा ने कहा कि "घायलों का बेहतर इलाज और मृतकों के परिजनों को अधिकतम सहायता सुनिश्चित की जाए।" उन्होंने एक सोशल मीडिया पोस्ट में लिखा:“जैसलमेर में बस में आग लगने की यह घटना अत्यंत दिल दहला देने वाली है। इस दुर्घटना में मारे गए लोगों के प्रति मेरी गहरी संवेदना है। अधिकारियों को घायलों के इलाज और मृतकों के परिवारों को पूरी मदद करने के निर्देश दिए गए हैं।”
यह घटना हमारे सार्वजनिक परिवहन सुरक्षा तंत्र में मौजूद खामियों को फिर याद दिलाती है—सड़क सुरक्षा, वाहन तकनीकी जांच और समय रहते चेतावनी तंत्र लागू करना अनिवार्य है।