मुंबई. विश्व प्रसिद्ध बांसुरी वादक और संगीत निर्देशक पंडित हरिप्रसाद चौरसिया को उस्ताद गुलाम मुस्तफा खान की दूसरी पुण्यतिथि पर 17 जनवरी दिन मंगलवार को सम्मानित किया जाएगा. हरिप्रसाद चौरसिया को 'पद्म विभूषण उस्ताद गुलाम मुस्तफा खान पुरस्कार' प्रदान किया जाएगा.
षण्मुखानंद हॉल में एक भव्य संगीत कार्यक्रम 'हाजरी' का आयोजन किया जाएगा. जहां उस्ताद जाकिर हुसैन, हरिहरन, फैज एम. खान जैसे उस्ताद खान के शिष्य और अन्य संगीत दिग्गज श्रद्धांजलि देंगे. पद्मभूषण और पद्मविभूषण से सम्मानित 85 वर्षीय चौरसिया ने मुस्कुराते हुए उस्ताद जी परिवार के भाव का आभार व्यक्त करते हुए कहा, "उस्ताद खां साहब और उनका परिवार हमेशा मेरे लिए बहुत खास रहा है. खान साहब एक बहुत अच्छे गायक, कलाकार और गुरु थे."
हरिहरन ने से कहा, "उस्ताद जी मेरे लिए पिता समान थे और 'ख्याल गायन के बादशाह' जैसे उत्कृष्ट कलाकार थे. हरि प्रसाद चौरसिया से अपने गुरु के बारे में सुंदर उपाख्यान सुनकर मेरे रोंगटे खड़े हो गए." रब्बानी खान ने बताया कि अगले साल परिवार भारतीय शास्त्रीय संगीत, विशेष रूप से उस्तादजी के 'रामपुर सहसवान घराने' की परंपराओं को जीवित रखने के लिए एक नींव शुरू करेगा.
हरिहरन उस्तादजी को एक महान गायक के रूप में याद करते हैं, जिन्होंने हिंदी, उर्दू, संस्कृत, फारसी जैसी कई भाषाओं में अपनी सभी 'बंदिशें' भी लिखीं. उस्ताद जी ने 30-30 मिनट के अपने सात रिकॉर्ड के साथ इस प्राचीन भारतीय शास्त्रीय संगीत को जीवंत किया, जो अब नई दिल्ली में संगीत नाटक अकादमी में संरक्षित है.