राज्यसभा में नहीं थमा विपक्ष का हंगामा, एसआईआर मुद्दे पर दिनभर की कार्यवाही स्थगित

Story by  आवाज़ द वॉयस | Published by  [email protected] | Date 07-08-2025
Opposition uproar did not stop in Rajya Sabha, day's proceedings postponed on SIR issue
Opposition uproar did not stop in Rajya Sabha, day's proceedings postponed on SIR issue

 

नई दिल्ली

बिहार में मतदाता सूची के विशेष गहन पुनरीक्षण (एसआईआर) को लेकर विपक्षी दलों का विरोध गुरुवार को भी राज्यसभा में जारी रहा। विपक्ष के भारी हंगामे के चलते सदन की कार्यवाही पहले एक बार स्थगित की गई और फिर दोपहर 2:30 बजे दिनभर के लिए स्थगित कर दी गई।

हंगामे के चलते आज भी सदन में शून्यकाल और प्रश्नकाल नहीं हो सका। हालांकि दोपहर 2 बजे कार्यवाही फिर से शुरू हुई तो विपक्षी नारेबाजी के बीच ही ‘पोत परिवहन विधेयक, 2025’ को ध्वनिमत से पारित कर दिया गया।

कार्यवाही की शुरुआत और हंगामा

सुबह 11 बजे जैसे ही उच्च सदन की कार्यवाही शुरू हुई, उपसभापति हरिवंश ने आवश्यक दस्तावेज पटल पर रखवाए। उन्होंने बताया कि उन्हें नियम 267 के तहत 25 नोटिस प्राप्त हुए हैं, जिनमें विभिन्न मुद्दों पर कार्य स्थगित कर चर्चा की मांग की गई थी। उपसभापति ने कहा कि ये नोटिस पूर्व निर्धारित नियमों के अनुसार उचित नहीं पाए गए, इसलिए उन्हें खारिज कर दिया गया।

इस घोषणा के बाद विपक्षी सदस्य आक्रोशित हो गए और अपने स्थानों से उठकर जोरदार नारेबाजी करने लगे। उपसभापति ने बार-बार सदस्यों से शांत रहने और कार्यवाही चलने देने की अपील की।

हरिवंश ने कहा, "अब तक इस सत्र में सदन के पास 180 तारांकित प्रश्नों, शून्यकाल में 180 मुद्दों और विशेष उल्लेख के जरिए लोकमहत्व के इतने ही विषयों को उठाने का अवसर था, लेकिन बार-बार के व्यवधान के चलते अब तक सिर्फ 13 तारांकित प्रश्न, 5 शून्यकाल के मुद्दे और 17 विशेष उल्लेख ही हो पाए हैं।" उन्होंने बताया कि अब तक कुल 51 घंटे 30 मिनट सदन का समय बर्बाद हो चुका है।

बाद में हंगामा थमता न देख उपसभापति ने सुबह 11:10 बजे सदन की कार्यवाही दोपहर 2 बजे तक स्थगित कर दी।

विधेयक पास, फिर दिनभर के लिए स्थगन

दोपहर 2 बजे कार्यवाही दोबारा शुरू हुई। पत्तन, पोत परिवहन और जलमार्ग मंत्री सर्वानंद सोनोवाल ने तटीय पोत परिवहन विधेयक, 2025 को सदन में चर्चा और पारित करने के लिए प्रस्तुत किया।

इस दौरान विपक्षी सदस्यों ने एक बार फिर एसआईआर (विशेष सघन पुनरीक्षण) के मुद्दे पर नारेबाजी और विरोध प्रदर्शन शुरू कर दिया। जैसे ही पीठासीन अध्यक्ष घनश्याम तिवाड़ी ने विधेयक पर बोलने के लिए सदस्यों के नाम पुकारे, सत्ता पक्ष के सदस्यों ने ही अपनी बात रखी। विपक्षी सदस्य चर्चा की अनुमति मांगते रहे।

नेता प्रतिपक्ष और कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने आसन से आग्रह किया कि देश जिन समस्याओं का सामना कर रहा है, उस पर सबकी इच्छा अनुसार चर्चा की जानी चाहिए। इसके जवाब में सदन के नेता और केंद्रीय मंत्री जेपी नड्डा ने कहा, "सदन केवल नियमों के अनुसार ही चलेगा।"

विपक्ष के विरोध के बीच विधेयक को संक्षिप्त चर्चा के बाद ध्वनिमत से पारित कर दिया गया। इसके बाद पीठासीन अध्यक्ष ने सदन की कार्यवाही शुक्रवार सुबह 11 बजे तक स्थगित करने की घोषणा कर दी।

पिछले सप्ताह भी चला विरोध

गौरतलब है कि पिछले सप्ताह मंगलवार और बुधवार को ऑपरेशन सिंदूर पर सदन में चर्चा हुई थी, जिसमें गृह मंत्री अमित शाह ने जवाब दिया था। बुधवार को सदन ने ‘समुद्र द्वारा माल वहन विधेयक, 2025’ भी पारित किया था, जो एसआईआर के मुद्दे पर जारी विपक्ष के विरोध और नारेबाजी के बीच पारित हुआ।

इस प्रकार, गुरुवार को भी सदन का माहौल विपक्ष के विरोध के चलते लगातार बाधित रहा और एक बार फिर संसदीय कार्यवाही ठप हो गई।