ऑपरेशन सिंदूर से स्पष्ट हो गया कि कौन भारत के साथ खड़ा है: रक्षा मंत्रालय के पूर्व प्रधान सलाहकार

Story by  PTI | Published by  [email protected] | Date 18-08-2025
Operation Sindoor made it clear who stands with India: Former Principal Advisor to the Ministry of Defence
Operation Sindoor made it clear who stands with India: Former Principal Advisor to the Ministry of Defence

 

आवाज द वॉयस/नई दिल्ली

 
रक्षा मंत्रालय के पूर्व प्रधान सलाहकार लेफ्टिनेंट जनरल विनोद खंडारे (सेवानिवृत्त) ने कहा कि ‘ऑपरेशन सिंदूर’ से यह स्पष्ट हो गया कि कूटनीतिक तौर पर कौन-सा देश भारत के साथ खड़ा है और कौन नहीं.
 
उन्होंने कहा कि युद्ध किसी भी देश की अर्थव्यवस्था पर दबाव डालता है, इसलिए नागरिक सुरक्षा पर और काम करने की आवश्यकता है क्योंकि इस क्षेत्र को जोखिम बना रहेगा.
 
खंडारे महाराष्ट्र के छत्रपति संभाजीनगर में एक कार्यक्रम में शामिल हुए, जहां एक स्थानीय गैर सरकारी संगठन ने ऑपरेशन सिंदूर पर लोगों से संवाद का आयोजन किया था.
 
भारत ने 22 अप्रैल को पहलगाम आतंकी हमले में 26 लोगों के मारे जाने के बाद मई में जवाबी कार्रवाई करते हुए पाकिस्तान और पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर (पीओके) में नौ आतंकी ठिकानों को सटीक हमले में तबाह कर दिया था.
 
यह पूछे जाने पर कि ऑपरेशन सिंदूर से क्या सबक मिले, लेफ्टिनेंट जनरल खंडारे ने ‘पीटीआई-भाषा’ से कहा, ‘‘यह साफ हो गया है कि कूटनीतिक तौर पर आपके (भारत के) साथ कौन है और कौन नहीं. आंतरिक तौर पर यह भी साफ हो गया है कि समस्याएं कहां हैं। अगर आप व्यापक रूप से सोचें, तो खामियों की पहचान बहुत स्पष्ट रूप से हुई है.
 
उन्होंने कहा, ‘‘स्वार्थपूर्ण हित भी स्पष्ट हो गए हैं।’’ उन्होंने कहा कि इसके अलावा, हमें नागरिक सुरक्षा पर बहुत काम करना होगा क्योंकि उसे जोखिम बना रहेगा.
 
उन्होंने कहा, ‘‘आज आपके पास जिस तरह की मिसाइलें और उनकी मारक क्षमता है, सब कुछ पहुंच के दायरे में है। हम महत्वपूर्ण प्रौद्योगिकियों और अनुसंधान में आगे हैं.
 
पूर्व सैन्य कर्मी ने कहा कि परिवर्तन का एक बड़ा हिस्सा यह है कि जो भी उस प्रौद्योगिकी का उपयोग करने वाला है, उसे निपुण होना चाहिए. प्रयोगशाला से लेकर युद्धक्षेत्र तक, यह एक पूरी श्रृंखला है. उन्होंने कहा, ‘‘मुझे लगता है कि हमने समझ लिया है कि हमें कहां खड़ा होना है.’
 
उन्होंने यह भी कहा कि सीमा क्षेत्रों में एक बड़ा मुद्दा है जिसका समाधान राज्य सरकारों को करना होगा.