अजमेर दरगाह विवाद पर दीवान सैयद जैनुल आबिदीन बोले - कोई भी जा सकता है कोर्ट

Story by  आवाज़ द वॉयस | Published by  [email protected] | Date 29-11-2024
 Ajmer Dargah
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अजमेर. राजस्थान में अजमेर शरीफ दरगाह के अंदर शिव मंदिर के दावे पर दरगाह के आध्यात्मिक प्रमुख सैयद जैनुल आबिदीन अली खान ने कहा कि कोई भी अदालत जा सकता है, लेकिन सुनवाई और सबूत पेश करने के बाद ही निर्णय लिया जा सकता है. सस्ती लोकप्रियता के लिए कोई भी ऐसी याचिका दाखिल कर सकता है.

सैयद जैनुल आबिदीन अली खान ने समाचार एजेंसी एएनआई से बात करते हुए कहा, मोहन भागवत ने कहा था कि आप कब तक मस्जिद के अंदर शिव मंदिर ढूंढते रहेंगे? संभल में जो हुआ, उसका नतीजा क्या निकला? चार लोगों की जान चली गई. दो अपने घर में कमाने वाले थे. कोर्ट द्वारा पक्षकार न बनाए जाने पर उन्होंने कहा, ‘‘हमारे पास हाई कोर्ट से लेकर सुप्रीम कोर्ट तक वकीलों का एक पैनल है. हम उनकी सलाह लेंगे कि हमें पक्षकार बनना चाहिए या बस इंतजार करना चाहिए, फिर जो भी मिलेगा. इच्छा हम कहेंगे हम करेंगे.’’

उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री 1947 से यहां चादरें भेज रहे हैं. कई राज्यों के मुख्यमंत्रियों, राज्यपालों और आरएसएस प्रमुखों ने भी यहां पुष्पांजलि अर्पित की है. इसके अलावा राजनीतिक दलों के प्रमुख भी यहां चादरें भेजते हैं. यहां तक कि आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत ने भी उन्हें पुष्पमाला पहनाई.

एक सवाल के जवाब में सैयद जैनुल आबिदीन अली खान ने कहा कि यहां की हिंदू आबादी जब हर सुबह अपनी दुकानें खोलने से पहले यहां से गुजरती है, तो वे अपनी दुकानों की चाबियां दरगाह की सीढ़ियों पर रखती हैं. महिलाएं अपनी चाबियां रखती हैं. वे बच्चों को लेकर मस्जिद के बाहर खड़े हो जाते हैं, ताकि जो भी नमाज पढ़कर मस्जिद से निकले वह बच्चे पर फूंक मारें, ताकि उनके बच्चे को जो भी बीमारी हो वह ठीक हो जाए.