पुरी (ओडिशा)
गणेश चतुर्थी के पावन अवसर पर अंतरराष्ट्रीय ख्याति प्राप्त रेत कलाकार सुदर्शन पटनायक ने पुरी समुद्र तट पर 1500 नींबुओं का प्रयोग कर भगवान गणेश की अद्वितीय रेत मूर्ति तैयार की है।
पटनायक ने कहा कि यह प्रतिमा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के आत्मनिर्भर भारत अभियान को समर्पित है। उनका संदेश है कि भगवान गणेश भारत को आत्मनिर्भरता के मार्ग पर आशीर्वाद दे रहे हैं।
गणेश चतुर्थी का यह दस दिवसीय उत्सव आज से प्रारंभ होकर अनंत चतुर्दशी को संपन्न होगा। इसे विनायक चतुर्थी या विनायक चविथि भी कहा जाता है। यह पर्व भगवान गणेश को “नए आरंभ के देवता”, “विघ्नहर्ता” और “बुद्धि एवं ज्ञान के देवता” के रूप में समर्पित है।
पटनायक ने कहा,"हर वर्ष गणेश चतुर्थी पर हम अलग-अलग थीम पर रेत की मूर्तियाँ बनाते हैं। इस बार हमने 1500 नींबुओं का उपयोग किया है। मूर्ति के साथ आत्मनिर्भर भारत, मेक इन इंडिया और वोकल फॉर लोकल जैसे अभियानों का संदेश भी है।"
मुंबई: श्रद्धालुओं की भीड़ श्री सिद्धिविनायक गणपति मंदिर में उमड़ी।
तिरुचिरापल्ली (तमिलनाडु): मणिका विनायगर मंदिर में विशेष पूजा अर्चना।
थिरुवनंतपुरम (केरल): गणपति मंदिरों में भारी भीड़।
नागपुर (महाराष्ट्र): श्री गणेश मंदिर टेकारी में श्रद्धालुओं ने दर्शन किए।
अहमदाबाद (गुजरात): वस्त्रापुर गणेश मंदिर में विशेष आरती समारोह।
इस पावन पर्व पर लोग घरों में गणपति की प्रतिमा स्थापित करते हैं, उपवास रखते हैं, स्वादिष्ट व्यंजन बनाते हैं और पंडालों में दर्शन के लिए जाते हैं।
इससे पहले रविवार को मुंबई के प्रसिद्ध लालबागचा राजा की पहली झलक श्रद्धालुओं को दिखाई गई। यह केवल एक प्रतिमा नहीं, बल्कि मुंबई की सामूहिक आस्था, कला-कौशल और जीवंत संस्कृति का प्रतीक है।
हर साल लाखों भक्त यहां दर्शन के लिए आते हैं। यह परंपरा 1934 में स्थापित लालबागचा राजा सार्वजनिक गणेशोत्सव मंडल से जुड़ी है। इस भव्य प्रतिमा की देखभाल कांबली परिवार बीते आठ दशकों से करता आ रहा है।