देश के बंटवारे के बाद पूर्वोत्तर क्षेत्र बन गया लैंड-लॉक्ड : असम के मंत्री

Story by  एटीवी | Published by  [email protected] | Date 22-12-2021
 असम के मंत्री
असम के मंत्री

 

गुवाहाटी. असम के उद्योग और वाणिज्य एवं एक्ट ईस्ट नीति मामलों के मंत्री चंद्र मोहन पटोवारी ने मंगलवार को कहा कि आजादी के बाद और देश के विभाजन के बाद पड़ोसी देशों के माध्यम से व्यापार मार्ग और परिवहन संपर्क अचानक टूट गए.

इस तरह पूर्वोत्तर क्षेत्र बंद-भूमि (लैंड-लॉक्ड) बन गया। 'इंडियाज एक्ट ईस्ट कनेक्ट : प्रॉस्पेक्ट्स एंड चैलेंजेस' पर एक सम्मेलन को संबोधित करते हुए मंत्री ने कहा कि आजादी से पहले पूर्वोत्तर क्षेत्र में रोडवेज, रेलवे और जलमार्ग (नदी) के माध्यम से मल्टी-मॉडल परिवहन नेटवर्क हुआ करता था, जो अब बांग्लादेश और म्यांमार में है.

चटगांव (बांग्लादेश), सित्तवे और यांगून या रंगून (म्यांमार) जैसे कई बंदरगाहों तक नेटवर्क फैला हुआ था. उन्होंने कहा कि चाय और पेट्रोलियम चटगांव और कोलकाता (तत्कालीन कलकत्ता) बंदरगाहों तक ब्रह्मपुत्र-पद्म-मेघना नदी जलमार्ग मार्गो के साथ-साथ तत्कालीन पूर्वी पाकिस्तान, अब बांग्लादेश से गुजरने वाली रेलवे लाइनों के माध्यम से पहुंचते थे.

उन्होंने कहा, "तत्कालीन अविभाजित असम की प्रति व्यक्ति आय 1950 तक राष्ट्रीय औसत से अधिक थी. स्वतंत्रता की शुरुआत और फिर विभाजन के बाद व्यापार मार्ग और परिवहन संपर्क अचानक टूट गए, जिससे पूर्वोत्तर क्षेत्र बंद-भूमि हो गया."

असम सरकार के एक्ट ईस्ट पॉलिसी अफेयर्स डिपार्टमेंट और शिलांग स्थित थिंक-टैंक और रिसर्च ग्रुप 'एशियन कॉन्फ्लुएंस' की संयुक्त पहल के तहत मंगलवार को गुवाहाटी में कॉन्क्लेव का आयोजन किया गया.

पटोवरी ने कहा कि हाल ही में चीजों में काफी सुधार हुआ है. उन्होंने पूर्वोत्तर भारत की पुरानी धारणा 'देश की परिधि' को हटाकर 'दक्षिण पूर्व एशिया के केंद्र' के रूप में पहचान देने के लिए असम सरकार की पहल पर प्रकाश डाला.

उन्होंने एशियाई त्रिपक्षीय राजमार्ग, म्यांमार में सित्तवे-कलादान बंदरगाह जैसी परियोजनाओं के पूरा होने का उल्लेख किया, जो मंत्री के अनुसार इन सीमाओं को व्यापार, व्यापार और लोगों से लोगों के बीच गलियारों में बदल देगा.

असम के मुख्य सचिव जिष्णु बरुआ ने चीन, म्यांमार और बांग्लादेश के साथ पूर्वोत्तर क्षेत्र के ऐतिहासिक और सामाजिक-सांस्कृतिक संबंधों पर प्रकाश डाला.