लखनऊ
उत्तर प्रदेश के श्रम एवं रोजगार मंत्री अनिल राजभर ने कहा कि केंद्र सरकार द्वारा लागू की जा रही चार नई श्रम संहिताएं भारत के श्रम परिदृश्य में ऐतिहासिक बदलाव लाएँगी और देश के कार्यबल को मज़बूत बनाएंगी।रविवार को पत्रकारों को संबोधित करते हुए राजभर ने बताया कि सरकार ने 29 अलग-अलग श्रम क़ानूनों को समाहित कर चार सरल और पारदर्शी श्रम संहिताओं का रूप दिया है, ताकि अधिक पारदर्शिता, दक्षता और अनुपालन की आसानी सुनिश्चित हो सके।
राजभर ने कहा, “चार नई श्रम संहिताओं का लागू होना लंबे समय से प्रतीक्षित सुधार है। यह न सिर्फ भारत के श्रम तंत्र को आधुनिक बनाएगा बल्कि आने वाले दशकों के लिए कार्यबल को सुदृढ़ भी करेगा। देश इन सुधारों की लंबे समय से मांग कर रहा था।”
उनके अनुसार नई संहिताओं से उद्योगों पर अनुपालन का बोझ काफी कम होगा, जिससे कारोबार करने में आसानी बढ़ेगी।राजभर ने कहा कि कार्यबल को सशक्त करना विकसित और आत्मनिर्भर भारत 2047 के लक्ष्य को पूरा करने के लिए अनिवार्य है। नवीन पीढ़ी की ये श्रम संहिताएं आर्थिक विकास, आत्मनिर्भरता, श्रमिक कल्याण, सामाजिक सुरक्षा, ‘ईज ऑफ डूइंग बिज़नेस’ और ‘ईज ऑफ लिविंग’ को मज़बूती देंगी।
मंत्री ने बताया कि नई संहिताओं के तहत संगठित और असंगठित—दोनों क्षेत्रों के श्रमिकों को सुरक्षा देने के लिए एक सामाजिक सुरक्षा कोष बनाया जाएगा। उन्होंने कहा कि इसमें महिला सशक्तिकरण से संबंधित प्रावधान बेहद महत्वपूर्ण भूमिका निभाएँगे।
वेतन सुधारों का ज़िक्र करते हुए राजभर ने कहा कि वेतन की एकीकृत परिभाषा से कर्मचारियों और नियोक्ताओं दोनों के लिए भ्रम दूर होगा और विवाद कम होंगे।उन्होंने बताया कि सभी सुधार श्रमिक संगठनों और उनके प्रतिनिधियों से व्यापक चर्चा के बाद अंतिम रूप दिए गए हैं।“हम इन सुधारों का पूर्ण स्वागत करते हैं,” राजभर ने कहा।