कोलकाता
वामपंथी छात्र संगठन ‘रिवोल्यूशनरी स्टूडेंट्स फ्रंट’ (आरएसएफ) द्वारा अपने राज्य सम्मेलन के आयोजन स्थल का नाम सुरक्षा बलों द्वारा मारे गए माओवादी नेताओं के नाम पर रखने से विवाद खड़ा हो गया है।
27 नवंबर से शुरू हुए आरएसएफ के तीन दिवसीय सम्मेलन का आयोजन कोलकाता स्थित यादवपुर विश्वविद्यालय के विवेकानंद सभागार में किया गया। सम्मेलन के दौरान प्रतीकात्मक रूप से यादवपुर विश्वविद्यालय को ‘हिडमा नगर’, कोलकाता को ‘कोटेश्वर राव नगर’ और सभागार को ‘बसवराजू सभागार’ नाम दिया गया।
गौरतलब है कि माओवादी कमांडर माडवी हिडमा 18 नवंबर को आंध्र प्रदेश के अल्लूरी सीतारामराजू जिले में सुरक्षा बलों के साथ मुठभेड़ में मारा गया था। माओवादी संगठन के शक्तिशाली महासचिव नंबाला केशव राव उर्फ बसवराजू मई 2025 में छत्तीसगढ़ के बस्तर में पुलिस कार्रवाई में ढेर हुआ था। वहीं कोटेश्वर राव उर्फ किशनजी 2011 में पश्चिम बंगाल के जंगलमहल क्षेत्र में मारा गया था।
विवाद पर प्रतिक्रिया देते हुए आरएसएफ के महासचिव तथागत रॉय चौधरी ने कहा कि यह नामकरण केवल “प्रतीकात्मक” था और सम्मेलन में किसी भी प्रकार की अलगाववादी या राष्ट्र-विरोधी चर्चा नहीं हुई।
विश्वविद्यालय के कुलपति चिरंजीव भट्टाचार्य की प्रतिक्रिया नहीं मिल सकी।विश्वविद्यालय के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि संगठन को नियमों के तहत अनुमति दी गई थी और उन्हें इस बात की जानकारी नहीं थी कि सम्मेलन के दौरान ऐसा कोई कदम उठाया जाएगा।
एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने बताया कि आयोजन से संबंधित सभी जानकारी एकत्र कर ली गई है। उन्होंने कहा कि यह विश्वविद्यालय का आंतरिक मामला है और पुलिस सिर्फ स्थिति पर नजर रख रही है।






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