नई दिल्ली
भारत और ब्रिटेन की सेनाओं के बीच संयुक्त सैन्य अभ्यास ‘अजेय वारियर’ का आठवां संस्करण रविवार को समाप्त हुआ। इस बार अभ्यास का फोकस एक काउंटर-टेररिज़्म माहौल में शांति लागू करने (Peace Enforcement) वाले अभियानों पर था, जैसा कि संयुक्त राष्ट्र चार्टर के अध्याय-7 में निर्धारित है।
ब्रिटिश हाई कमीशन ने बताया कि ब्रिटिश सेना की 2nd Battalion Royal Gurkha Rifles (A/AMBOOR Company) और भारतीय सेना की 21वीं सिख रेजिमेंट ने 17 नवंबर से राजस्थान के महाजन फ़ील्ड फ़ायरिंग रेंज में जटिल सैन्य अभ्यास किए।
अभ्यास के दौरान दोनों सेनाओं ने मल्टी-डोमेन अर्बन और सेमी-अर्बन ऑपरेशंस में संयुक्त रूप से काम किया। इसमें नकली सैन्य अभियानों, काउंटर-IED तकनीकों, छोटे मानव रहित विमान (UAS) संचालन, कंपनी-स्तर की युद्धक रणनीतियों, अर्बन वॉरफेयर प्रशिक्षण और सपोर्ट वेपन के समन्वय जैसे कौशलों को साझा किया गया।
अभ्यास का समापन बैटल ग्रुप-स्तर के फ़ाइनल ट्रेनिंग अभ्यास से हुआ, जिसमें दोनों सेनाओं ने एकीकृत कमान संरचना के अंतर्गत संयुक्त रूप से अभियान चलाए। इससे सैनिकों को अमूल्य अनुभव प्राप्त हुआ और दोनों देशों ने सर्वोत्तम सैन्य प्रथाएँ एक-दूसरे के साथ साझा कीं।
ब्रिटिश उच्चायुक्त लिन्डी कैमरन ने कहा, “रक्षा और सुरक्षा यूके-इंडिया विज़न 2035 का महत्वपूर्ण स्तंभ हैं। ‘अजेय वारियर’ अभ्यास भारत-यूके रक्षा संबंधों की बढ़ती गहराई का प्रमाण है। यह केवल सैन्य सहयोग ही नहीं, बल्कि शांति, स्थिरता और नियम-आधारित अंतरराष्ट्रीय व्यवस्था के प्रति हमारी साझा प्रतिबद्धता भी दर्शाता है।”
सैन्य अभ्यास से इतर, दोनों सेनाओं के जवानों ने फिटनेस गतिविधियों, टीम स्पोर्ट्स और सांस्कृतिक कार्यक्रमों में भी हिस्सा लिया, जिससे आपसी दोस्ती, सम्मान और समझ और गहरी हुई।
‘अजेय वारियर 2025’ ने भारत-यूके के रणनीतिक रक्षा सहयोग को नई दिशा देते हुए दोनों देशों की आधुनिक युद्ध क्षमता और पारस्परिक विश्वास को मजबूत किया।