नई दिल्ली
केंद्रीय मंत्री जीतन राम मांझी ने सोमवार को कहा कि राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (एनडीए) अपने उपराष्ट्रपति पद के उम्मीदवार के रूप में महाराष्ट्र के राज्यपाल और वरिष्ठ भाजपा नेता सी.पी. राधाकृष्णन का नामांकन 20 अगस्त को दाखिल करेगा। राधाकृष्णन का संबंध तमिलनाडु से है और वे आरएसएस पृष्ठभूमि वाले माने जाते हैं।
संघीय मंत्री प्रह्लाद जोशी के आवास पर एनडीए फ्लोर लीडर्स की बैठक हुई, जिसमें सी.पी. राधाकृष्णन को औपचारिक रूप से उम्मीदवार घोषित किया गया। मांझी ने कहा कि यह फैसला सर्वसम्मति से लिया गया और सभी नेताओं ने पूर्ण समर्थन का आश्वासन दिया।
नामांकन प्रक्रिया 20 अगस्त को सुबह 11 बजे होगी। इस दौरान लगभग 160 सदस्य मौजूद रहेंगे, जिनमें 20 प्रस्तावक और 20 समर्थक शामिल होंगे। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 20 अगस्त को सुबह 9 से 11 बजे के बीच होने वाली संसदीय बोर्ड की बैठक में राधाकृष्णन को एनडीए सांसदों से परिचित कराएंगे।
एएनआई से बातचीत में जीतन राम मांझी ने कहा,"सी.पी. राधाकृष्णन हर दृष्टि से इस पद के लिए उपयुक्त हैं। हमने विपक्ष से भी अपील की है कि वे उनका समर्थन करें ताकि यह चुनाव सर्वसम्मति से हो। इससे भारत की गरिमा और बढ़ेगी। अगर विपक्ष उम्मीदवार उतारता भी है तो हम 60–70 वोटों से जीतेंगे।”
रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह राधाकृष्णन के प्रचार प्रबंधक होंगे, जबकि केंद्रीय मंत्री किरण रिजिजू चुनाव एजेंट के तौर पर कार्य करेंगे।
राधाकृष्णन का राजनीतिक अनुभव व्यापक है। वे सांसद और झारखंड व तेलंगाना के राज्यपाल रह चुके हैं। प्रधानमंत्री मोदी ने उनकी निष्ठा, विनम्रता और बौद्धिक क्षमता की सराहना करते हुए कहा कि राधाकृष्णन ने तमिलनाडु में जमीनी स्तर पर उल्लेखनीय कार्य किया है।
एनडीए एकमत चुनाव की कोशिश कर रहा है। भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा विपक्षी नेताओं से संपर्क कर उनका समर्थन जुटाने का प्रयास कर रहे हैं। राजनीतिक विश्लेषकों के मुताबिक, यह कदम तमिलनाडु चुनावों के मद्देनज़र भाजपा की रणनीतिक चाल भी माना जा रहा है।
उधर, INDIA गठबंधन आज अपनी बैठक में उपराष्ट्रपति पद के उम्मीदवार पर अंतिम फैसला लेगा। कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे अन्य दलों के नेताओं से चर्चा कर सहमति बनाने की कोशिश में हैं।
डीएमके सांसद तिरुचि शिवा, जिनका नाम संभावित विपक्षी उम्मीदवार के रूप में लिया जा रहा था, ने कहा कि उन्हें इसकी जानकारी नहीं है और केवल शीर्ष नेतृत्व ही इसका निर्णय करेगा।
उपराष्ट्रपति का कार्यकाल 5 साल का होता है। वर्तमान में यह पद जगदीप धनखड़ के इस्तीफे के बाद रिक्त है, जिन्होंने 21 जुलाई को संसद के मानसून सत्र के पहले दिन स्वास्थ्य कारणों का हवाला देकर पद छोड़ा था।
उपराष्ट्रपति का चुनाव 9 सितंबर को होना है। यह चुनाव संसद के दोनों सदनों के सांसदों से बने इलेक्टोरल कॉलेज द्वारा होता है। चुनाव गुप्त मतदान और एकल हस्तांतरणीय मत प्रणाली (single transferable vote) से होता है, जैसा कि संविधान के अनुच्छेद 64, 66 और 68 में प्रावधानित है।