आवाज द वॉयस/ नई दिल्ली
आज भारत में 23 अगस्त 2024 को राष्ट्रीय अंतरिक्ष दिवस (National Space Day) पहली बार मनाया जा रहा है. चंद्रयान-3 मिशन भारत का तीसरा चंद्र मिशन था, जिसे भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO) द्वारा 14 जुलाई 2023 को लॉन्च किया गया. इस मिशन का उद्देश्य चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुवीय क्षेत्र में सफलतापूर्वक सॉफ्ट लैंडिंग करना था. विक्रम लैंडर और प्रज्ञान रोवर के साथ, इस मिशन ने 23 अगस्त 2023 को चंद्रमा पर सफलतापूर्वक उतरकर इतिहास रचा था, जिससे भारत दुनिया का चौथा देश बन गया जिसने चंद्रमा पर सॉफ्ट लैंडिंग की है.
चंद्रयान-3 मिशन की ऐतिहासिक सफलता की याद में 23 अगस्त को आधिकारिक रूप से राष्ट्रीय अंतरिक्ष दिवस के रूप में घोषित किया गया है, जो भारत की बढ़ती अंतरिक्ष क्षमताओं का प्रतीक है.
भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO) ने कई महत्वपूर्ण परियोजनाओं को सफलतापूर्वक पूरा किया है. यहाँ ISRO द्वारा पूरी की गई शीर्ष 10 परियोजनाओं की सूची है:
1. आज़ाद भारत के पहले उपग्रह (Aryabhata): 1975 में लॉन्च किया गया, यह भारत का पहला उपग्रह था जो विज्ञान और तकनीक में भारत की शुरुआत का प्रतीक है.
2. चंद्रयान-1 (2008): चंद्रमा की सतह पर पानी के अस्तित्व का पता लगाने के लिए लॉन्च किया गया पहला भारतीय मिशन.
3. मंगलयान (मंगल मिशन) (2013): मंगल ग्रह पर सफलतापूर्वक पहुंचने वाला भारत का पहला अंतरिक्ष यान, जिसने अंतरिक्ष में भारत की क्षमताओं को प्रदर्शित किया.
4. गगनयान: भारत का मानव अंतरिक्ष मिशन, जो भारतीय अंतरिक्ष यात्रियों को अंतरिक्ष में भेजने का लक्ष्य है.
5. RISAT (रडार इमेजिंग सैटेलाइट) श्रृंखला: इन उपग्रहों का उपयोग पृथ्वी की सतह की रडार इमेजिंग के लिए किया जाता है, जो कृषि, मौसम विज्ञान, और आपदा प्रबंधन में सहायक हैं.
6. NavIC (नेविगेशन विद इंडियन कॉनस्टेलेशन): भारत का स्वदेशी नेविगेशन सिस्टम, जो GPS के समान सटीकता प्रदान करता है.
7. अर्थ ऑब्जर्वेशन सैटेलाइट (EOS) श्रृंखला: यह उपग्रह पृथ्वी की निगरानी और संसाधन प्रबंधन के लिए उपयोग किए जाते हैं.
8. PSLV (Polar Satellite Launch Vehicle): यह रॉकेट भारत का एक प्रमुख सैटेलाइट लॉन्चर है, जो कई सफल लॉन्च कर चुका है और कक्षीय उपग्रहों की संख्या में वृद्धि की है.
9. GSAT (गेलैक्टिक सैटेलाइट) श्रृंखला: ये संचार उपग्रह हैं जो दूरसंचार, ब्रॉडकास्टिंग और इंटरनेट सेवाओं में सुधार लाते हैं.
10. Chandrayaan-2 (2019): चंद्रयान-1 के बाद, यह मिशन चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव क्षेत्र की विस्तृत जांच के लिए भेजा गया था.
ये परियोजनाएँ ISRO की तकनीकी उत्कृष्टता और अंतरिक्ष विज्ञान में भारत के योगदान को दर्शाती हैं.
नेशनल स्पेस डे 2024 की थीम
पहले राष्ट्रीय अंतरिक्ष दिवस को अंतरिक्ष विज्ञान और प्रौद्योगिकी को बढ़ावा देने के उद्देश्य से कई आयोजनों और गतिविधियों के साथ मनाया जाएगा. केंद्र सरकार ने अंतरिक्ष अभियानों में भारत की उपलब्धियों को प्रदर्शित करने के लिए महीने भर चलने वाले अभियान का आयोजन किया है. इस वर्ष की थीम, 'चंद्रमा को छूते हुए जीवन को छूना: भारत की अंतरिक्ष गाथा', समाज और प्रौद्योगिकी पर अंतरिक्ष अन्वेषण के प्रभाव पर प्रकाश डालती है.
भारत मंडपम में दो दिन कार्यक्रम
नई दिल्ली के भारत मंडपम में एक भव्य दो दिवसीय कार्यक्रम आयोजित किया जाएगा, जिसमें हाई-प्रोफाइल सत्र, इंटरैक्टिव प्रदर्शनियां और भारत की अंतरिक्ष उपलब्धियों से संबंधित महत्वपूर्ण घोषणाएं की जाएंगी. इस कार्यक्रम में मोबाइल प्रदर्शनियां शामिल होंगी, जिन्हें 'स्पेस ऑन व्हील्स' के रूप में जाना जाता है, जो विभिन्न विश्वविद्यालयों और कॉलेजों में जाएंगी, जिससे छात्रों को इसरो की गतिविधियों और भारत के अंतरिक्ष अभियानों के बारे में जानने का अवसर मिलेगा.