हैदराबाद
मौलाना आज़ाद नेशनल उर्दू यूनिवर्सिटी (MANUU) के जन संचार एवं पत्रकारिता विभाग द्वारा यूनिसेफ़ इंडिया (UNICEF India) के सहयोग से आज एक अत्यंत महत्वपूर्ण कार्यक्रम — 'राष्ट्रीय मीडिया परामर्श सम्मेलन: सड़क सुरक्षा और प्रणाली सशक्तिकरण' का आयोजन किया जा रहा है। यह आयोजन 22 मई 2025 को विश्वविद्यालय के हैदराबाद स्थित मुख्य परिसर में हो रहा है।
इस राष्ट्रीय सम्मेलन का उद्देश्य देशभर के मीडिया संगठनों, नीति-निर्माताओं और सड़क सुरक्षा क्षेत्र के विशेषज्ञों को एक साझा मंच प्रदान करना है, ताकि बाल और किशोर सुरक्षा के संदर्भ में सुदृढ़ प्रणाली विकसित की जा सके और मीडिया की भूमिका को और अधिक प्रभावशाली बनाया जा सके।
सम्मेलन की अध्यक्षता पद्मश्री प्रोफेसर सैयद ऐनुल हसन, कुलपति, MANUU द्वारा की जाएगी। वह उद्घाटन भाषण (Keynote Address) भी देंगे, जिसमें वे शिक्षा, संचार और नीति निर्माण के त्रिकोणीय संबंधों पर प्रकाश डालेंगे।
इस अवसर पर कई राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय ख्यातिप्राप्त हस्तियाँ उपस्थित रहेंगी, जिनमें शामिल हैं:
सुश्री ज़ाफरिन चौधरी, प्रमुख, संचार, एडवोकेसी और साझेदारी, UNICEF इंडिया
श्री रोमन चेसा, मुख्य कार्यकारी अधिकारी, ISADAK (An Abertis Company)
डॉ. जेलालम ताफेस्से, प्रमुख, यूनिसेफ़ हैदराबाद फील्ड ऑफिस
श्री पी. शिवशंकर, क्षेत्रीय अधिकारी, भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (NHAI), हैदराबाद
श्री सुरेन्द्र मोहन, आईएएस, आयुक्त, परिवहन विभाग, तेलंगाना सरकार
कार्यक्रम के दौरान डॉ. सैयद हुब्बे अली, स्वास्थ्य विशेषज्ञ, UNICEF इंडिया कंट्री ऑफिस, बाल एवं किशोर सड़क सुरक्षा हस्तक्षेपों (interventions) पर एक विशेष प्रस्तुति देंगे। वे भारत में बच्चों की सुरक्षा को लेकर यूनिसेफ़ द्वारा की जा रही पहलों, नीतिगत सिफारिशों और ग्राउंड लेवल इनोवेशन पर आधारित डेटा साझा करेंगे।
सम्मेलन के दौरान एक पैनल चर्चा (Panel Discussion) और विचार-मंथन सत्र (Ideation Session) का भी आयोजन किया जाएगा, जिसमें मीडिया की भूमिका, सड़क सुरक्षा अभियानों की संप्रेषण रणनीति, और व्यवहार परिवर्तन संचार (BCC) की प्रभावशीलता पर विस्तार से विचार विमर्श किया जाएगा। इसमें छात्र, संकाय सदस्य, पत्रकार, और नीति निर्माता भाग लेंगे।
इस सम्मेलन के आयोजक प्रोफेसर मोहम्मद फरियाद, डीन और अध्यक्ष, जन संचार एवं पत्रकारिता विभाग, MANUU ने बताया कि,
“यह सम्मेलन न केवल रोड सेफ्टी जैसे गंभीर मुद्दे पर संवाद का एक अवसर है, बल्कि जन संचार और मीडिया छात्रों के लिए व्यावहारिक ज्ञान और नेटवर्किंग का एक अद्वितीय मंच भी है।”
उन्होंने यह भी बताया कि विश्वविद्यालय की यह पहल न केवल अकादमिक दायरे तक सीमित है, बल्कि समाज में वास्तविक प्रभाव उत्पन्न करने की दिशा में भी अग्रसर है।