आंध्रप्रदेश : बंदरगाह व आईटी विकास पर दिया जोर

Story by  आवाज़ द वॉयस | Published by  [email protected] | Date 19-08-2025
Nara Lokesh demands cashew, chilli and mango boards for Andhra Pradesh; urged the Centre for port and IT development
Nara Lokesh demands cashew, chilli and mango boards for Andhra Pradesh; urged the Centre for port and IT development

 

नई दिल्ली

आंध्रप्रदेश के सूचना प्रौद्योगिकी मंत्री नारा लोकेश ने सोमवार को नई दिल्ली में केंद्रीय वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री पीयूष गोयल से मुलाकात की और राज्य में काजू, मिर्च और आम बोर्ड स्थापित करने की मांग रखी।

उन्होंने विशेष रूप से श्रीकाकुलम में काजू बोर्ड की स्वीकृति का अनुरोध किया ताकि किसानों को प्रसंस्करण, आधुनिकीकरण और पारदर्शी व्यापार के माध्यम से बेहतर दाम मिल सकें।

लोकेश ने कहा, “आंध्रप्रदेश देश में काजू उत्पादन में दूसरे स्थान पर है। मैंने श्रीकाकुलम में काजू बोर्ड को मंजूरी देने का आग्रह किया ताकि किसानों को बेहतर दाम मिल सकें। इसी तरह, गुंटूर में मिर्च बोर्ड स्थापित कर मिर्च किसानों की आमदनी स्थिर की जा सकती है और वैश्विक निर्यात को बढ़ावा मिलेगा। चित्तूर में आम बोर्ड बनने से आपूर्ति श्रृंखला मजबूत होगी और वैश्विक प्रतिस्पर्धा में बढ़त मिलेगी।”

पीयूष गोयल के अलावा, लोकेश ने केंद्रीय रेल और आईटी मंत्री अश्विनी वैष्णव से भी मुलाकात की और आंध्रप्रदेश में आईटी सेक्टर के विकास पर चर्चा की।
उन्होंने एक्स (पूर्व ट्विटर) पर लिखा, “अश्विनी जी, आपके स्पष्ट दृष्टिकोण और शानदार कार्य निष्पादन के लिए मैं गहरा सम्मान करता हूँ। हमें अपना विज़न साझा करने का अवसर देने के लिए आभारी हूँ। ‘डबल इंजन सरकार’ की ताकत से आंध्रप्रदेश जल्द ही नंबर 1 बनेगा, मुझे पूरा विश्वास है।”

इससे पहले दिन में, आंध्रप्रदेश मंत्री ने केंद्रीय बंदरगाह, जहाजरानी और जलमार्ग मंत्री सर्बानंद सोनोवाल से भी मुलाकात की और तिरुपति के दुगराजपट्टणम बंदरगाह के शीघ्र विकास की मांग की।

उन्होंने कहा, “सोनोवाल जी से मुलाकात कर मैंने आंध्रप्रदेश में बंदरगाह आधारित विकास, समुद्री अवसंरचना और जलमार्ग परियोजनाओं के लिए समर्थन मांगा। दुगराजपट्टणम बंदरगाह के साथ जहाज निर्माण इकाई स्थापित करने का भी आग्रह किया। ‘सागरमाला’ परियोजना के तहत आंध्रप्रदेश में 1.14 लाख करोड़ रुपये के 110 प्रोजेक्ट्स विभिन्न चरणों में चल रहे हैं। इसी अवसर पर मैंने 200 करोड़ रुपये की मांग भी की ताकि रामयापट्टणम, मछलीपट्टणम, मुलापेटा और काकीनाडा एंकरिज बंदरगाहों पर घाटों और स्लिपवे का उन्नयन हो सके तथा जैव विविधता संरक्षण को बढ़ावा मिले।”