नई दिल्ली
वरिष्ठ भाजपा नेता और पूर्व अल्पसंख्यक मामलों के मंत्री मुख्तार अब्बास नकवी ने बुधवार को जोर देकर कहा कि ‘एक देश, एक कानून’ की आवश्यकता अब समय की मांग है। उन्होंने स्पष्ट किया कि समन्वित नागरिक संहिता (Uniform Civil Code - UCC) पूरे देश के लिए है और इसका उद्देश्य किसी विशेष समुदाय को लक्षित करना नहीं है।
नकवी ने कहा कि यह संविधान की भावना को मजबूत करने के लिए जरूरी है और स्वतंत्रता का ‘अमृत काल’ इसे लागू करने और संविधान के निर्देशात्मक सिद्धांतों को अपनाने का अवसर है। उन्होंने कहा, "समान नागरिक संहिता पूरे देश के लिए है, किसी एक समुदाय के लिए नहीं। ‘एक देश, एक कानून’ की आवश्यकता आज अधिक है।"
भारत मंडपम में संविधान दिवस के अवसर पर आयोजित कार्यक्रम में बोलते हुए नकवी ने कहा कि भारत में धर्मनिरपेक्षता बहुसंख्यक समुदाय की सहिष्णुता, समावेशिता और सहअस्तित्व की प्रतिबद्धता का परिणाम है। विभाजन के बाद हिंदू बहुसंख्यक समुदाय ने धर्मनिरपेक्षता को चुना, जबकि पाकिस्तान में मुस्लिम बहुसंख्यक ने इस्लामिक राष्ट्र का झंडा फहराया।
नकवी ने कहा कि भारतीय संविधान की समावेशी और सर्वग्राही सोच बहुसंख्यक समुदाय के मूल्य, संस्कृति और दृढ़ निश्चय का परिणाम है। उन्होंने पाकिस्तान की संविधानिक अस्थिरता की ओर इशारा करते हुए कहा कि वहीं भारत ने मजबूत संविधान और लोकतंत्र के माध्यम से 145 करोड़ लोगों की लोकतांत्रिक पहचान कायम की है।
उन्होंने विपक्ष पर भी निशाना साधा और कहा कि कुछ लोग संविधान को हाथ में लेकर समाज में भ्रम फैलाने की कोशिश कर रहे हैं। नकवी ने कहा, “अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता का गलत इस्तेमाल अराजकता और अपशब्दों का प्रमाण नहीं बन सकता। हमें ऐसे फौजदारी षड्यंत्र से सतर्क रहना चाहिए।”
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में भारत समावेशी सशक्तिकरण और संवैधानिक सुधारों के रास्ते पर तेजी से आगे बढ़ रहा है। नकवी ने कहा कि आर्थिक, सामाजिक, शैक्षणिक, प्रशासनिक और स्वास्थ्य क्षेत्रों में व्यापक सुधार भारत को वैश्विक स्तर पर भरोसेमंद और अच्छी शासन प्रणाली वाला देश बना रहे हैं।
उन्होंने यह भी कहा कि समान नागरिक संहिता राष्ट्र, धर्म और मानवता के लिए जरूरी है ताकि संविधान की भावना को मजबूत किया जा सके और किसी भी प्रकार के साम्प्रदायिक हमलों का मुकाबला किया जा सके।
कार्यक्रम में पूर्व केंद्रीय मंत्री और भाजपा संसदीय बोर्ड सदस्य डॉ. सत्य नारायण जाटिया, वीएचपी दिल्ली अध्यक्ष कपिल खन्ना और दिल्ली मंत्री कपिल मिश्रा समेत अन्य उपस्थित थे।