मुसलमान मुसीबत सहेंगे, लेकिन देश का नाम खराब नहीं होने देंगेः मौलाना महमूद मदनी

Story by  राकेश चौरासिया | Published by  [email protected] | Date 28-05-2022
मुसलमान मुसीबत सहेंगे, लेकिन देश का नाम खराब नहीं होने देंगेः मौलाना महमूद मदनी
मुसलमान मुसीबत सहेंगे, लेकिन देश का नाम खराब नहीं होने देंगेः मौलाना महमूद मदनी

 

राकेश चौरासिया / नई दिल्ली-देवबंद

ज्ञानवापी मस्जिद विवाद को लेकर जमीयत-उलमा-ए-हिंद की देवबंद में विशाल सभा आयोजित हुई. उत्तर प्रदेश के देवबंद में जमीयत उमेला-ए-हिंद के इस राष्ट्रीय अधिवेशन देश के विभिन्न संगठनों के लगभग पांच हजार प्रतिनिधि पहुंचे हैं.

इस बीच उलेमा-ए-हिंद के अध्यक्ष मौलाना महमूद मदनी भावुक हो गए. उन्होंने कहा कि मुसलमानों का चलना तक मुश्किल हो गया है. उन्होंने कहा कि, हमें हमारे ही देश में अजनबी बना दिया गया है. लेकिन जो एक्शन प्लान वो लोग तैयार कर रहे हैं, उस पर हमें नहीं चलना है. उन्होंने कहा कि हम आग को आग से नहीं बुझा सकते हैं. नफरत को प्यार से हराना होगा.

मदनी ने कहा कि जमात कल मस्जिदों के बारे में चर्चा करके फैसला लेगी. फैसले के बाद कोई कदम पीछे नहीं हटेगा. हम जुल्म सहेंगे, गम सहेंगे, लेकिन देश को तड़पने नहीं देंगे.

मुल्क पर नहीं आने देंगे आंचः मदनी

मौलाना मदनी ने कहा कि, ऐसे मुश्किल हालात में हम आज यहां मौजूद हैं. लेकिन ये सिर्फ हमारा जिगर जानता है कि हमारी क्या मुश्किलें हैं. मुश्किल को झेलने के लिए हौसला और ताकत चाहिए. जिस तरह की चीजें हो रही हैं उसके लिए मुस्लिमों को जेल भरने के लिए तैयार रहना चाहिए. अगर जमीयत-उलमा-ए-हिंद का ये फैसला है कि हम जुल्म को सह लेंगे पर अपने मुल्क पर आंच नहीं आने देंगे. तो ये फैसला कमजोरी की वजह से नहीं है, बल्कि जमीयत-उलमा की ताकत की वजह है. ये ताकत हमें कुरान ने दी है. हम हर चीज से समझौता कर सकते हैं, अपने ईमान से समझौता नहीं कर सकते हैं. हमारा ईमान हमें उस रास्ते पर ले जाता है कि हमें मायूस नहीं होना है.

मुल्क के हालात अफसोसनाकः मदनी

सभा के बाद मीडिया से बात करते हुए मौलाना मदनी ने कहा कि, मुल्क के हालात और सरकारों की खामोशी अफसोसनाक है. जो इस देश के चिंता करने वाले लोग हैं, उन्हें इसे संभालना होगा. मुल्क में ये जो बांटने वाला माहौल है उसे खत्म करना होगा. अगर जरूरत पड़ी तो हम जेल भरो आंदोलन करेंगे. अभी इसे लेकर चर्चा चल रही है और एक प्रस्ताव तैयार किया जाएगा. कल तक प्रस्ताव बनाया जाएगा.

मदनी ने कहा, हम हर चीज से समझौता कर सकते हैं, लेकिन आस्था से समझौता बर्दाश्त नहीं किया जा सकता. वो देश को अखंड भारत बनाने की बात करते हैं. देश के मुसलमानों का चलना-फिरना तक मुश्किल हो गया है. वे देश से दुश्मनी कर रहे हैं. जरूरत पड़ी, तो दारुल रसम को आबाद किया जाएगा.

इससे पहले इस आयोजन में इस्लामोफोबिया को लेकर एक प्रस्ताव भी पेश किया गया था. प्रस्ताव में इस्लामोफोबिया और मुसलमानों के खिलाफ नफरत की बढ़ती घटनाओं का जिक्र है. प्रस्ताव में कहा गया है कि ‘इस्लामोफोबिया’ सिर्फ धर्म के नाम पर दुश्मनी नहीं है, बल्कि दिल और दिमाग में इस्लाम के खिलाफ डर और नफरत पैदा करने का काम कर रहा है.