राकेश चौरासिया / नई दिल्ली-मेरठ
भारत में मजहब की दीवारें गिराकर रक्षाबंधन का पर्व बड़ी धूमधाम से मनाया जा रहा है. भाई-बहन के पवित्र प्रेम के प्रतीक के तौर पर मनाया जाने वाला रक्षाबंधन का त्योहार इस बार भी कई गंगा-जमुनी तहजीब की कई मिसाल पेश कर गया. मेरठ में मुस्लिम बहनों ने हिंदू भाइयों के मस्तक पर रोली-चंदन का तिलक करके उनकी कलाइयों पर रक्षा सूत्र बांधे. भाइयों ने बहनों की भलाई और सुरक्षा के लिए वचन दिए, तो बहनों ने अपने भाइयों की लंबी उम्र की दुआ की.
भारत में इस बार भद्रा के प्रकोप के मद्देनजर 11और 12अगस्त को रक्षाबंधन का पर्व मनाया जा रहा है. सावन की पूर्णिमा पर मनाया जाने वाला यह त्यौहार भाई और बहनों के लिए अटूट रिश्ते को चिन्हित करता है. इस त्यौहार की खूबसूरती की ताकत ने मजहबों की दीवारों तक गिरा दी हैं. इतिहास से वर्तमान तक हिंदू और मुसलमान भाई-बहन इस पवित्र त्यौहार को मनाते आ रहे हैं.
पत्रिका की एक रिपोर्ट के अनुसार, मेरठ के कमिश्नरी पार्क में एक अनूठा रक्षाबंधन समारोह आयोजित हुआ, जिसमें हिंदू और मुस्लिम भाई-बहन शामिल हुए. सामने खड़े हिंदू भाइयों के माथे पर मुस्लिम महिलाओं ने तिलक किया और उनकी कलाइयों पर राखियों को बांधकर मुंह मीठा करवाया. हिंदू भाइयों ने रक्षा का वचन देते हुए शगुन और उपहार दिए, तो बहनों ने भाइयों की दीर्घायु के लिए मंगल कामना कामनाएं कीं.
मुस्लिम बहनों ने कहा कि उनके मजहब में भाई का रिश्ता कायम करने पर कोई पाबंदी नहीं है. उनमें से कुछ बहनों ने तो बताया कि कि वे कई सालों से अपने इन भाइयों को राखी बांध रही हैं. वे इन राखीबंद भाइयों को पाकर बहुत खुश हैं. हिंदू भाइयों ने कहा कि कोई भी मजहब प्रेम और प्यार से नहीं रोकता है. उन्होंने इन बहनों को रक्षा का वचन दिया है और वह हर सूरत में इसे पूरा करेंगे.