‘ अपनों ' के आईएएस अधिकारी बनने पर मुस्लिम वर्ग है खुश

Story by  अशफाक कायमखानी | Published by  [email protected] • 2 Years ago
इकबाल खान व उनकी पत्नी डा. रश्मिआईएएस बनाए गए
इकबाल खान व उनकी पत्नी डा. रश्मिआईएएस बनाए गए

 

अशफाक कायमखानी /जयपुर

राजस्थान में अब गिने-चुने मुस्लिम आईएएस अधिकारी ही रहे हैं. इनमें से कई सेवानिवृत्त हो चुके हैं या अगले साल होने वाले हैं. इस बीच राजस्थान प्रशासनिक सेवा के दो अधिकारी इकबाल खान व उनकी पत्नी डा. रश्मिआईएएस बनाए गए हैं. इससे राजस्थान का मुस्लिम वर्ग बेहद प्रसन्न है. उसे लगता है कि अब कई जगह उन्हें उनके समुदाय की सही पैरवी हो सकेगी.

राजस्थान में अभी 17 आईएएस अधिकारी विभिन्न औपचारिकताएं पूरी करने के बाद भारतीय प्रशासनिक सेवा में तक्करी पाकर अधिकारी बने हैं. राजस्थान हाईकोर्ट के जस्टिस रहे भंवरु खां के बेटे इकबाल खान व उनकी बहु डा.रश्मि भी उनमें से हैं.

अब तक राजस्थान प्रशासनिक सेवा व अन्य सेवाओं से चयनित होकर आईएएस बनने वाले मुस्लिम अधिकारियों में जेएम खान, एमएस खान, ए आर खान, मोहम्मद हनीफ, अशफाक हुसैन, शफी मोहम्मद, उमरदीन खान व जाकिर हुसैन ही रहेे हैं.

इनमें  उमरद्दीन खान व जाकिर हुसैन को छोड़कर बाकी सेवानिवृत्त हो चुके हैं. जेएम खान व शफी मोहम्मद का इंतकाल हो चुका है. जाकिर हुसैन अगले साल की शुरुआत में व उमरदीन खान अगले साल के मध्य में सेवानिवृत्त हो जाएंगे.

राजस्थान में तरक्की पाकर आईएएस बनने वालों के अलावा सीधे तौर पर भारतीय सिविल सेवा क्लीयर करके राजस्थान कैडर मिलने पर राजस्थान में पदस्थापित होने वाले आईएएस अधिकारियों में 1977में सलाउद्दीन अहमद खान व उसके बाद कमरुल जमन चौधरी, अतर आमिर व मोहम्मद जुनैद हैं.

इनमें से यूपी से ताल्लुक रखने वाले सलाउद्दीन अहमद खान मुख्य सचिव पद से सेवानिवृत्त हुए, जबकि जम्मू कश्मीर से संबंधित कमरुल जमा चोधरी जोधपुर डेवलपमेंट अथॉरिटी में कमिश्नर व केरल से ताल्लुक रखने वाले मोहम्मद जुनैद भरतपुर जिले के नदबई उपखंड में उपखंड अधिकारी पद पर तैनात हैं. अतर आमिर अपने गृह प्रदेश जम्मू कश्मीर में   पांच साल के लिए डेपुटेशन पर गए हुए हैं

डीडवाना तहसील के झाड़ोद गांव निवासी तरक्की पाकर आईएएस बने इकबाल खान के पिता जस्टिस भंवरु खा राजस्थान हाईकोर्ट में   जस्टिस रहे हैं. उनके दादा बक्सू खां सीनियर पुलिस अधिकारी व परदादा ममदू खा. रियासत काल मे जोधपुर रियासत में कप्तान रहे हैं. इनके अन्य परिजन पुलिस व अन्य सेवाओं में अधिकारी रहे हैं.