मुंबई
मुंबई के एक उपनगर में 2013 में हुए गैस रिसाव और उससे लगे आग की घटना में दो बच्चों सहित चार लोगों की मौत के मामले में अदालत ने 30 वर्षीय कबाड़ व्यापारी बबलू पासवान को एक साल की कठोर कारावास की सजा सुनाई है।
दिंडोशी न्यायालय के अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश नंदकिशोर मोरे ने बबलू पासवान को आपराधिक लापरवाही का दोषी ठहराया। अदालत ने 12 दिसंबर को सुनाए गए अपने फैसले में कहा कि पासवान की लापरवाही के कारण दो महिलाओं और दो नाबालिग बच्चों की जान चली गई। अदालत ने उसे भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) की संबंधित धाराओं के तहत दोषी करार देते हुए एक साल के कारावास की सजा सुनाई।
अभियोजन पक्ष के अनुसार, पासवान अपनी कबाड़ की दुकान के सामने एक खुली नाली में ज्वलनशील गैस से भरा सिलेंडर खाली कर रहा था। स्थानीय निवासियों ने उसे चेतावनी दी कि यह बेहद खतरनाक है, लेकिन उसने उनकी बातों को अनसुना करते हुए सिलेंडर खाली करना जारी रखा।
स्थिति तब और भयावह हो गई जब पास में मौजूद अब्दुल खान नामक व्यक्ति ने जलती हुई सिगरेट नाले में फेंक दी, जिससे आग भड़क गई और लपटें पूरे इलाके में फैल गईं। इस भीषण आग में कई लोग गंभीर रूप से झुलस गए, जबकि चार लोगों की मौत हो गई।
अदालत ने यह भी बताया कि पासवान की लापरवाही स्पष्ट थी और इसके कारण नुकसान और मृत्यु हुई। वहीं, इस मामले के एक और आरोपी अब्दुल खान के खिलाफ पर्याप्त सबूत न होने के कारण उसे सभी आरोपों से बरी कर दिया गया।
यह मामला न केवल मुंबई के नागरिकों के लिए भयावह अनुभव था, बल्कि इससे यह भी स्पष्ट हुआ कि ज्वलनशील पदार्थों के साथ लापरवाही भारी परिणाम ला सकती है। अदालत के इस फैसले को सुरक्षा और सावधानी के महत्व की याद दिलाने वाला कदम माना जा रहा है।
अधिकारियों ने कहा कि इस घटना ने स्थानीय प्रशासन और नागरिकों के बीच आग और गैस रिसाव जैसी दुर्घटनाओं से बचने के लिए जागरूकता बढ़ाने की जरूरत को भी रेखांकित किया।






.png)