नई दिल्ली
भारत सरकार ने गुरुवार को बताया कि वर्ष 2025 में अप्रैल तक देश में चिकित्सा उद्देश्य से 1,31,856 विदेशी पर्यटक आए हैं, जो इस अवधि में आए कुल विदेशी पर्यटकों का लगभग 4.1 प्रतिशत है।
यह जानकारी पर्यटन मंत्री गजेन्द्र सिंह शेखावत ने राज्यसभा में एक लिखित उत्तर के माध्यम से दी। उन्होंने बताया कि चिकित्सा उपचार के लिए भारत आने वाले विदेशी नागरिकों की सुविधा को ध्यान में रखते हुए सरकार ने 171 देशों के नागरिकों को ई-मेडिकल वीज़ा और ई-मेडिकल अटेंडेंट वीज़ा की सुविधा उपलब्ध कराई है।
शेखावत ने स्पष्ट किया कि चिकित्सा पर्यटन सहित अन्य पर्यटन स्थलों और पर्यटन उत्पादों के विकास और प्रचार-प्रसार का कार्य मुख्य रूप से राज्य सरकारों और केंद्रशासित प्रदेशों के प्रशासन द्वारा किया जाता है। हालांकि, पर्यटन मंत्रालय इन प्रयासों को समर्थन देता है और अपनी विभिन्न योजनाओं और पहलों के माध्यम से भारत में चिकित्सा पर्यटन को बढ़ावा देता है।
उन्होंने यह भी बताया कि स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय से प्राप्त जानकारी के अनुसार, चिकित्सा पर्यटन का समग्र ढांचा कई प्रकार के सेवा प्रदाताओं और हितधारकों से मिलकर बना है—जिनमें अस्पताल, सेवा प्रदाता, होटल, एयरलाइंस, व्यावसायिक एजेंसियाँ, विनियामक संस्थाएँ और स्वयं सरकार भी शामिल हैं।
शेखावत ने यह भी बताया कि भारत सरकार 'हील इन इंडिया' अभियान को प्रभावी ढंग से आगे बढ़ाने के लिए सार्वजनिक-निजी भागीदारी (PPP) के तहत अस्पतालों, व्यापारिक संगठनों और सार्वजनिक निकायों के सहयोग से क्षमता निर्माण के कई उपाय कर रही है, ताकि भारत को वैश्विक चिकित्सा हब के रूप में स्थापित किया जा सके।