मंजीत ठाकुर
रविवार को मोरबी में शाम के वक्त हैंगिंग ब्रिज क्या टूटा, कई परिवार उजड़ गए. ताजा समाचार मिलने तक मोरबी में 141 मौतें हो चुकी हैं और 400 से अधिक लोग घायल है. बहुत सारे परिवारों का भविष्य अंधकार में आ गया है. पर मौत के अंधकार से रोशनी की उजली किरण भी दिखी है.
एक तरफ तरह तरह के आरोपों का दौर है दूसरी तरफ तौफीक, राजू भाई, हुसैन पठान, मुस्लिम मियांणा इन चार मुस्लिमों ने सैकड़ों जानें बचाई हैं और सांप्रदायिक सद्भाव की अद्भुत मिसाल पेश की है.
यह चार लोग फरिश्तों की तरह आए.
इस बारे में राष्ट्रीय उलेमा काउंसिल ने ट्वीट किया हैः
“दो फरिश्ते! तौफीक़ भाई और हुसैन पठान! तौफीक़ भाई ने जहां 35 ज़िंदगियों को अस्पताल पहुंचाया वहीं तैराक हुसैन पठान ने तैरकर 50 लोगों की जान बचाई.गुजरात के अखबार इनके क़सीदे पढ़ रहें हैं और खुदा के बंदे बता रहे हैं.इनके समाज के ख़िलाफ नफ़रत फैलाने वाले क्या अपनी आदत से बाज़ आएंगे?”
दो फरिश्ते! तौफीक़ भाई और हुसैन पठान! तौफीक़ भाई ने जहां 35 ज़िंदगियों को अस्पताल पहुंचाया वहीं तैराक हुसैन पठान ने तैरकर 50 लोगों की जान बचाई। गुजरात के अखबार इनके क़सीदे पढ़ रहें हैं और खुदा के बंदे बता रहे हैं। इनके समाज के ख़िलाफ नफ़रत फैलाने वाले क्या अपनी आदत से बाज़ आएंगे? p
— Rashtriya Ulama Council (RUC) (@RUConline) October 31, 2022
तौफीक के लोगों के जान बचाने की खबर खबरिया चैनल आजतक पर चल रहा है और आजतक के वेबसाइट के मुताबिक, मोरबी में दुर्घटना के बाद स्थानीय लोग भी रेस्क्यू के लिए जुट गए थे. इनमें से एक हैं तौफीक भाई, तौफीक भाई अस्पताल में अपनी बेटी की डिलीवरी करवाने आए थे.
तौफीक भाई ने तैर कर बचाई पचास जानें
तौफीक भाई ने हादसे के बाद न धर्म देखी और ना जाति. तौफीक भाई हर किसी की लगातार मदद कर रहे थे. वह इंसानियत की मिसाल बने हैं. आजतक से बात करते हुए तौफीक ने कहा, “हिंदू या मुस्लिम की बात नहीं, इंसानियत की बात होनी चाहिए.”
— Zafar Saifi (@ZafarSaifii) October 31, 2022
तौफीक भाई ने हादसे में घायल 35 से अधिक बच्चों को अस्पताल पहुंचाने में मदद की. वह अपनी बेटी के दर्द को भूलकर बाकी लोगों के दर्द में शरीक हो गए.बेशक, इंसानियत का ऐसा जज्बा ही हमें एक हिंदुस्तानी बनाता है.