पनामा सिटी (पनामा)
कांग्रेस सांसद शशि थरूर के नेतृत्व में एक सर्वदलीय भारतीय संसदीय प्रतिनिधिमंडल ने मंगलवार को पनामा की राष्ट्रीय विधानसभा का दौरा किया, जहां उन्होंने चुनिंदा सांसदों से मुलाकात कर आतंकवाद के खिलाफ भारत का सख्त रुख प्रस्तुत किया।
गयाना की यात्रा के समापन के बाद यह प्रतिनिधिमंडल तीन दिवसीय आधिकारिक यात्रा पर पनामा सिटी पहुंचा। यात्रा के दौरान सांसद पनामा की राजनीतिक नेतृत्व, मीडिया, रणनीतिक समुदाय, भारतीय प्रवासी और भारत समर्थक लोगों से संवाद करेंगे। यह जानकारी पनामा स्थित भारतीय दूतावास ने एक आधिकारिक बयान में दी।
एक्स (पूर्व में ट्विटर) पर साझा किए गए बयान में भारतीय दूतावास ने कहा, "प्रतिनिधिमंडल पनामा की नेतृत्वकारी हस्तियों, मीडिया, रणनीतिक समुदाय, भारतीय समुदाय और भारत समर्थकों से मुलाकात कर एकजुटता और भाईचारे का संदेश देगा और आतंकवाद के खिलाफ भारत की सामूहिक लड़ाई का संकल्प दोहराएगा।"
बयान में आगे कहा गया, "डॉ. शशि थरूर के नेतृत्व में भारतीय संसद का एक सर्वदलीय प्रतिनिधिमंडल 27-29 मई 2025 तक पनामा गणराज्य का दौरा करेगा, ताकि आतंकवाद के सभी स्वरूपों के प्रति भारत की ‘शून्य सहिष्णुता’ की नीति को स्पष्ट रूप से रखा जा सके।"
इस प्रतिनिधिमंडल में सांसद सरफराज अहमद, जी एम हरीश बालयोगी, शशांक मणि त्रिपाठी, तेजस्वी सूर्या, भुवनेश्वर कलिता, मल्लिकार्जुन देवड़ा, मिलिंद देवड़ा और अमेरिका में भारत के पूर्व राजदूत तरणजीत सिंह संधू शामिल हैं।
दूतावास द्वारा एक्स पर साझा एक अन्य पोस्ट में कहा गया, "संसदीय प्रतिनिधिमंडल पनामा पहुंचा। शशि थरूर के नेतृत्व वाले सर्वदलीय प्रतिनिधिमंडल का हवाई अड्डे पर स्वागत किया गया। यह प्रतिनिधिमंडल आतंकवाद के खिलाफ भारत का कड़ा संदेश देने पनामा पहुंचा है।"
इससे पहले दिन में, प्रतिनिधिमंडल के सदस्य और पूर्व राजदूत तरणजीत सिंह संधू ने गयाना यात्रा को "फलदायी और सकारात्मक" बताया। उन्होंने कहा कि राष्ट्रपति मोहम्मद इरफान अली ने भारत के प्रति अपने समर्थन की फिर से पुष्टि की और आर्थिक सहयोग को और गहरा करने की इच्छा जताई।
'ऑपरेशन सिंदूर' के बाद भारत की कूटनीतिक रणनीति के तहत केंद्र सरकार ने सात बहु-पक्षीय संसदीय प्रतिनिधिमंडल गठित किए हैं, जिनका उद्देश्य दुनिया को पाकिस्तान के आतंकवाद से संबंधों की जानकारी देना और भारत की 'शून्य सहिष्णुता' नीति को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर मजबूती से रखना है।
गौरतलब है कि भारतीय सशस्त्र बलों ने 7 मई को 'ऑपरेशन सिंदूर' शुरू किया था, जो 22 अप्रैल को पहलगाम में हुए आतंकी हमले की प्रतिक्रिया में किया गया था। उस हमले में 26 लोगों की मौत हो गई थी और कई घायल हुए थे।