कोलकाता
भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) नेता और प्रसिद्ध अभिनेता मिथुन चक्रवर्ती ने गुरुवार को पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी पर निशाना साधते हुए उनके उस बयान को "बेबुनियाद" करार दिया, जिसमें उन्होंने अन्य राज्यों में बंगाली भाषी प्रवासी मजदूरों पर हमले होने का दावा किया था। मिथुन ने आरोप लगाया कि ममता बनर्जी लोगों में डर का माहौल बनाकर राजनीतिक लाभ लेना चाहती हैं।
पत्रकारों से बातचीत में मिथुन चक्रवर्ती ने कहा कि ममता बनर्जी का बयान महज "विवाद पैदा करने" और "बंगाल के लोगों में अनावश्यक घबराहट फैलाने" की एक साज़िश है।
उन्होंने तृणमूल कांग्रेस (TMC) प्रमुख पर इस मुद्दे का राजनीतिकरण करने और बंगाली भाषा और समुदाय को लेकर पहचान की राजनीति पर एकाधिकार स्थापित करने की कोशिश का आरोप लगाया।
उन्होंने कहा, "वो हर चीज़ में विवाद पैदा करना चाहती हैं। बंगाली भाषा को कोई खतरा नहीं है, यह हमेशा बनी रहेगी। ममता बनर्जी का उस पर कोई एकाधिकार नहीं है। हम इसका डटकर मुकाबला करेंगे।"
यह टिप्पणी ममता बनर्जी के उस बयान के कुछ दिन बाद आई है, जिसमें उन्होंने गुजरात और महाराष्ट्र जैसे राज्यों में बंगाली प्रवासी मजदूरों के साथ कथित उत्पीड़न का मुद्दा उठाया था और भाजपा पर "भाषायी आतंकवाद" फैलाने का आरोप लगाया था।
इसके साथ ही ममता बनर्जी ने अपने कार्यकर्ताओं से मतदाता सूची से अल्पसंख्यकों और प्रवासियों के नाम हटाए जाने के खिलाफ विरोध प्रदर्शन करने और चुनाव आयोग के दफ्तरों का 'घेराव' करने की अपील की थी।
इस पर तीखी प्रतिक्रिया देते हुए मिथुन चक्रवर्ती ने कहा, "चुनाव आयोग को कार्रवाई करनी चाहिए। नकली और फर्जी वोटरों को हटाना ज़रूरी है, तभी चुनाव निष्पक्ष होंगे। आयोग का घेराव करने से क्या हासिल होगा? ऐसे विरोधों का क्या औचित्य है?"
यह बयान उस वक्त आया है जब राज्य में 2026 के विधानसभा चुनावों को लेकर सियासी तापमान लगातार चढ़ रहा है।
जहां एक ओर तृणमूल कांग्रेस मतदाता सूची से नाम हटाए जाने और बंगाली पहचान को मिटाने के प्रयासों को लेकर चिंता जता रही है, वहीं भाजपा इसे डर फैलाने और शासन से ध्यान भटकाने की कोशिश बता रही है।