चेन्नई
एआईएडीएमके महासचिव एडप्पादी के. पलानीस्वामी ने बुधवार को दिवंगत मुख्यमंत्री और पार्टी संस्थापक एम.जी. रामचंद्रन (एमजीआर) को भावपूर्ण श्रद्धांजलि दी और उन्हें तमिलनाडु की राजनीतिक इतिहास का “स्वर्णिम अध्याय” बताया। पलानीस्वामी ने कहा कि एमजीआर ने “गरीबों के कष्ट को अपना कष्ट माना” और उनके लिए हमेशा न्याय, शिक्षा और स्वास्थ्य सेवाओं के क्षेत्र में नीतियाँ बनाई।
एमजीआर की 38वीं पुण्यतिथि पर पलानीस्वामी ने मरीना बीच स्थित उनके स्मारक पर पुष्पांजलि अर्पित की। उन्होंने मेट्रेन स्टार से नेता बने एमजीआर को तमिलनाडु का एक अद्वितीय मुख्यमंत्री बताया, जिन्होंने सामाजिक न्याय और कल्याणकारी नीतियों के जरिए राज्य का इतिहास संवारने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।
पलानीस्वामी ने अपने संबोधन में यह भी कहा कि जब पेरारिग्नार अन्ना (ड्रविड़ियन नेता सीएन अन्नादुरै) के मार्ग को खोने का प्रयास किया गया और तमिलनाडु को परिवारवादी हुकूमत में बदलने की कोशिश हुई, तब एमजीआर ने एआईएडीएमके की स्थापना की और इसे लोकतंत्र और अन्ना विचारधारा की रक्षक शक्ति बनाया।
उन्होंने आगामी 2026 विधानसभा चुनावों के संदर्भ में डेमोक्रेटिक एमके (डीएमके) शासन को समाप्त करने का संकल्प लिया और कहा कि पार्टी एमजीआर के आदर्शों और दृष्टि के अनुसार “जनता की रक्षा और तमिलनाडु को पुनः सुरक्षित करने” का कार्य करेगी। पलानीस्वामी ने जनता के समर्थन से डेमोक्रेटिक शासन के अंतिम अध्याय को समाप्त करने का वचन दिया।
तमिलनाडु भर में एआईएडीएमके कार्यकर्ताओं ने पूजा, रक्तदान शिविर और मूर्ति पर माल्यार्पण कर एमजीआर के फिल्मी आकर्षण और कल्याणकारी शासन को याद किया। पार्टी के पदाधिकारियों ने उनके लोकतांत्रिक आदर्शों के प्रति निष्ठा जताई।
श्रद्धांजलि कार्यक्रमों का आयोजन उसी दिन रैशनल नेता ई.वी. रामासामी ‘पेरियार’ की पुण्यतिथि के साथ भी हुआ, जिससे यह समारोह तमिलनाडु के राजनीतिक और सामाजिक आदर्शों के प्रतीक के रूप में और भी महत्वपूर्ण बन गया।
एमजीआर की जीवनगाथा और उनके योगदान ने तमिलनाडु की राजनीति में कल्याणकारी शासन और जनप्रिय नेतृत्व का नया आयाम स्थापित किया, जिसे आज भी एआईएडीएमके कार्यकर्ता और राज्यवासियों श्रद्धापूर्वक याद कर रहे हैं।






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