MCOCA should be imposed on those involved in the 'scam' of removing silt from Mithi river: BJP, Congress MLC
आवाज द वॉयस/नई दिल्ली
महाराष्ट्र विधान परिषद में भाजपा और कांग्रेस के सदस्यों ने बृहस्पतिवार को मांग की कि मुंबई में मीठी नदी से गाद निकालने में कथित अनियमितताओं में संलिप्त आरोपियों के खिलाफ महाराष्ट्र संगठित अपराध नियंत्रण अधिनियम (मकोका) के तहत कार्रवाई की जाए.
भाजपा सदस्य राजहंस सिंह ने सदन में यह मुद्दा उठाया और कहा कि मीठी नदी से गाद निकालने पर करोड़ों रुपये खर्च किए गए हैं.
मुंबई में 2005 की बाढ़ के बाद मीठी नदी से गाद निकालने का काम शुरू किया गया था.
उपमुख्यमंत्री एवं शहरी विकास मंत्री एकनाथ शिंदे की ओर से जवाब देते हुए उद्योग मंत्री उदय सामंत ने कहा कि 2013 में मीठी से गाद निकालने की निविदा दिए जाने से पहले, गाद को देवनार ‘डंपिंग ग्राउंड’ में डाला जा रहा था.
उन्होंने कहा कि 2013 के बाद ठेकेदारों को गाद का निपटान करना था। सांमत ने कहा कि नदी से 16,70,000 मीट्रिक टन गाद निकाली गई, लेकिन इसे कहीं भी फेंका नहीं गया.
मुंबई पुलिस की आर्थिक अपराध शाखा का विशेष जांच दल (एसआईटी) मामले की जांच कर रहा है. इस सिलसिले में दो लोगों को गिरफ्तार किया गया है, जबकि कुछ को अग्रिम जमानत मिल गई है.
मंत्री ने बताया कि अनियमितताओं में शामिल कुछ लोगों ने नाइट क्लब और होटल खोल लिए हैं.
कांग्रेस सदस्य जगताप ने कहा कि अगर आरोपी करोड़ों रुपये की धोखाधड़ी में शामिल हैं, तो सरकार मकोका लगा सकती है.
भाजपा के प्रसाद लाड ने कहा कि एसआईटी मामले की जांच कर रही है और प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने भी स्वतः संज्ञान लिया है.
उन्होंने कहा कि यह घोटाला 1,000 करोड़ रुपये से ज्यादा का है.
लाड ने मांग की कि आरोपियों के खिलाफ मकोका लगाया जाना चाहिए और उनकी संपत्तियां कुर्क की जानी चाहिए.