जालना (महाराष्ट्र)
महाराष्ट्र राज्य वक्फ न्यायाधिकरण ने ‘उम्मीद’ पोर्टल पर वक्फ संपत्तियों का विवरण अपलोड करने की समयसीमा को छह महीने और बढ़ा दिया है। यह राहत महाराष्ट्र राज्य वक्फ मंडल की अंतरिम अर्जी पर दी गई है, क्योंकि पंजीकरण की पिछली समयसीमा 5 दिसंबर को समाप्त हो चुकी थी।
‘उम्मीद’ पोर्टल – डिजिटल प्रबंधन का जरिया
‘उम्मीद’ (यूनिफाइड वक्फ़ मैनेजमेंट, एम्पॉवरमेंट, एफिशिएंसी एंड डेवलपमेंट) पोर्टल केंद्र सरकार द्वारा वक्फ संपत्तियों के डिजिटल प्रबंधन के लिए विकसित किया गया एक प्रणाली है। वक्फ संपत्तियां धार्मिक, धर्मार्थ या नेक कामों के लिए किसी मुसलमान द्वारा दान की गई स्थायी चल या अचल संपत्ति होती हैं, जिनमें जमीन, भवन या धन शामिल हो सकता है।
तकनीकी दिक्कतों के कारण समयसीमा बढ़ाई गई
न्यायाधिकरण ने आदेश में कहा कि महाराष्ट्र राज्य वक्फ मंडल ने ‘उम्मीद’ पोर्टल टीम से बार-बार ईमेल और व्हाट्सऐप के माध्यम से संपर्क किया, लेकिन तकनीकी खामियां लगातार बनी रहीं। मंडल ने बताया कि महाराष्ट्र में लगभग 36,000 पंजीकृत वक्फ संस्थान हैं, जिनमें से सभी संस्थानों का विवरण मंडल ने जमा कर दिया है। हालांकि, लगभग 75,000 वक्फ संपत्तियों में से केवल 50,000 संपत्तियों का विवरण ही पोर्टल पर अपलोड किया जा सका।
न्यायाधिकरण के निर्देश
न्यायाधिकरण ने मंडल को स्पष्ट किया कि छह महीने की मोहलत तब लागू होगी जब ‘उम्मीद’ पोर्टल पूरी तरह कार्यक्षम हो और बिना किसी तकनीकी बाधा के चौबीस घंटे लगातार काम करे। इसके अलावा, केंद्रीय अधिकारियों को निर्देश दिए गए हैं कि वे पोर्टल की सभी तकनीकी खामियों और कमियों को 10 दिनों के भीतर दूर करें। सभी कमियां पूरी तरह से दूर होने के बाद ही पोर्टल को चालू किया जाएगा।
वक्फ संस्थानों के ट्रस्टी सुरक्षित
इस अवधि के दौरान न्यायाधिकरण ने स्पष्ट किया कि उम्मीद अधिनियम के तहत वक्फ संस्थानों के ‘मुतवल्ली’ यानी ट्रस्टी के खिलाफ कोई भी प्रतिकूल कार्रवाई नहीं की जाएगी। यदि निर्धारित समय में तकनीकी खामियां पूरी तरह से दूर नहीं होती हैं, तो अतिरिक्त समय देकर समयसीमा की भरपाई की जाएगी।
समाज ने स्वागत किया
महाराष्ट्र मुस्लिम संघ ने इस फैसले का स्वागत किया है और इसे वक्फ संस्थानों के हित में एक सकारात्मक कदम करार दिया है। संघ ने कहा कि यह निर्णय वक्फ संपत्तियों के पारदर्शी और व्यवस्थित प्रबंधन की दिशा में महत्वपूर्ण है।
यह कदम वक्फ संपत्तियों के डिजिटल प्रबंधन और उनके सुरक्षित रिकॉर्ड की दिशा में एक बड़ा और महत्वपूर्ण कदम माना जा रहा है। न्यायाधिकरण की इस मोहलत और तकनीकी सुधारों के निर्देश से यह सुनिश्चित होगा कि वक्फ संस्थान अपने विवरण समय पर अपलोड कर सकें और भविष्य में किसी भी तरह की प्रशासनिक या कानूनी अड़चन से बचें।
यह फैसला वक्फ संपत्तियों के सही रिकॉर्डिंग, पारदर्शिता और संस्थाओं की सुविधा को ध्यान में रखते हुए लिया गया है, जिससे महाराष्ट्र में वक्फ प्रबंधन और डिजिटल प्रणाली को मजबूती मिले।