आस्ट्रेलिया में खालिस्तानियों का भारतीयों पर हमला पाकिस्तान के इशारे परः सिविल सोसायटी

Story by  राकेश चौरासिया | Published by  [email protected] | Date 30-01-2023
आस्ट्रेलिया में कथित खालिस्तानियों का भारतीयों पर हमला पाकिस्तान के इशारे परः सिविल सोसायटी
आस्ट्रेलिया में कथित खालिस्तानियों का भारतीयों पर हमला पाकिस्तान के इशारे परः सिविल सोसायटी

 

नई दिल्ली / आवाज-द वॉयस

मेलबर्न में रविवार को दो विरोध समूह आपस में भिड़ गए. खालिस्तान को लेकर एक गैर जरूरी जनमत संग्रह में लोगों ने मतदान किया. फिर भारतीय तिरंगा लहराने वाले समूह पर खालिस्तानियों ने हमला कर दिया और तिरंगे का भी अपमान किया. इस हमले के दौरान दो लोग घायल हो गए. भारतीय सिविल सोसायटी के लोगों ने इस घटना की जोरदार निंदा की है.

यह संघर्ष शाम 4.30 बजे हुआ, जब एक भारतीय समर्थक समूह शहर के फेडरेशन स्क्वायर में जनमत संग्रह स्थल पर पहुंचा. जनमत संग्रह अलगाववादी समूह सिख फॉर जस्टिस द्वारा आयोजित किया गया था, जो भारत में गैरकानूनी गतिविधि (रोकथाम) अधिनियम के तहत प्रतिबंधित है. विक्टोरिया पुलिस ने एक 34 वर्षीय व्यक्ति के साथ-साथ एक 39 वर्षीय व्यक्ति को भी गिरफ्तार किया. 

 

राष्ट्रीय अल्पसंख्यक आयोग के अध्यक्ष इकबाल सिंह लालपुरा ने इस घटना को ‘दुखद’ बताया. आवाज-द वॉयस से बात करते हुए कहा, ’’यह घटना नहीं होनी चाहिए थी. मैं इसकी कड़ी निंदा करता हूं.’’

 

जागो-जग आसरा फाउंडेशन के अध्यक्ष जत्थेदार संतोख सिंह  ने इस घटना की कड़ी निंदा करते हुए कहा है कि यह सब पाकिस्तान के इशारे पर हो रहा है. वे तोड़-फोड़ की इस हरकत में शामिल है, जिसमें सबसे बड़ा नाम सिख्स फॉर जस्टिस के प्रमुख गुरपतवंत सिंह पन्नू का है, जो भारत के खिलाफ सक्रिय है.

वह भारत को बदनाम करने की कोशिश करता है. उन्होंने कहा कि खालिस्तान की मांग के लिए हिंसा का सहारा नहीं ले सकते. गुरु नानक जी ने हिंसा का विरोध किया है, जो उनकी शिक्षाओं के विरुद्ध है. आप किसी भी मुद्दे पर चर्चा कर सकते हैं, लेकिन दंगा करने का अधिकार नहीं है.

प्रमुख इस्लामिक विद्वान प्रो. अख्तरुल वासे ने इस संबंध में आवाज-द वॉयस से बात करते हुए कहा कि मेलबर्न में जो हुआ, वह दुखद है. यह चिंताजनक है. इस तरह के संघर्ष और हिंसा से देश का नाम ही खराब होता है. देश की प्रतिष्ठा को ठेस पहुंची है.

निस्संदेह कुछ लोगों को शिकायत हो सकती है, लेकिन उसके लिए देश का संविधान और न्यायपालिका हर समस्या और शिकायत के समाधान के लिए सक्षम है. उन्होंने कहा कि मैं ऑस्ट्रेलिया में ही नहीं, बल्कि दुनिया के कोने-कोने में रहने वाले भारतीयों से देश की महानता बनाए रखने और देश के खिलाफ ऐसी गतिविधियों से बचने की अपील करता हूं.

 

संस्कृति मंत्रालय में उप सचिव शाह फैसल ने कहा है कि इस घटना की कड़ी निंदा की जानी चाहिए. याद रखें कि वे भारतीय सिविल सेवा परीक्षा में प्रथम स्थान प्राप्त करने वाले पहले कश्मीरी हैं. उन्होंने एक ट्वीट में कहा कि खालिस्तानी तत्वों द्वारा विदेशी धरती पर तिरंगे का अपमान करने की सभी को निंदा करनी चाहिए.

 

ऑल इंडिया पसमांदा मुस्लिम महज के कार्यकारी अध्यक्ष शरीक अदीब अंसारी ने ऑस्ट्रेलिया में राष्ट्र विरोधी तत्वों द्वारा भारतीय ध्वज के अपमान की कड़ी निंदा की. उन्होंने कहा, ‘‘भारत का झंडा भारत और विदेशों में रहने वाले प्रत्येक नागरिक के लिए गर्व का प्रतीक है.’’ उन्होंने ऑस्ट्रेलियाई सरकार से इस घटना से सबसे मजबूत संभव तरीकों से निपटने की अपील की, ताकि भविष्य में ऐसी घटनाओं की पुनरावृत्ति न हो.’’

हिंदी के मशहूर साहित्यकार और इश्क में माटी सोना के लेखक गिरींद्रनाथ झा ने कहा,  ‘‘राष्ट्रध्वज का अपमान बर्दाश्त नहीं किया जा सकता, वह भी विदेशी धरती पर. ऐसा लगता है कि यह अंतरराष्ट्रीय साजिश का हिस्सा है, जिससे भारत की छवि खराब करने की कोशिश है.

जिसको अपनी मांग या कुछ करना हो, वह देश में रख सकता है. लेकिन राष्ट्र ध्वज का अपमान सहना ठीक नहीं है और देश के हरेक व्यक्ति को इस कृत्य की निंदा करनी चाहिए.’’प्रो अनिल निगम ने कहा कि मैं ऑस्ट्रेलिया के मेलबार्न में खालिस्तान समर्थकों द्वारा भारत विरोधी गतिविधियों की कड़ी निंदा करता हूं.

उन्होंने जिस तरीके से भारत के राष्ट्रीय ध्वज का अपमान किया है, वह न केवल अति निंदनीय है, बल्कि यह अक्षम्य अपराध है. भारत की शांति और सद्भाव को बाधित करने और राष्ट्रीय गौरव को क्षति पहुंचाने वाले असामाजिक और तत्वों से अत्यंत सख्ती से निपटा जाना चाहिए और दोषियों के खिलाफ कड़ी से कड़ी कानूनी कार्रवाई करने के लिए आस्ट्रेलिया सरकार से भारत सरकार को बाचतीत करनी चाहिए.

 

आरएसएस नेता खुर्शीद राजाका ने कहा कि राष्ट्रीय ध्वज यानी तिरंगा हमारी आन-बान शान है, जिसका अपमान हिंदुस्तान सहन नहीं करेगा. अपराधियों के खिलाफ सरकार को सख्ती से पेश आना चाहिए, ताकि भविष्य में कोई भी ऐसी हरकत न करें.

 

जमीयत उलेमा फरीदाबाद के जिलाध्यक्ष मौलाना जमालुद्दीन का मानना है कि राष्ट्रीय ध्वज का अपमान हिंदुस्तान नहीं सहेगा और इस बीच मुझे आशा है कि खालिस्तान के सभी नागरिकों को भारत में प्रवेश करने से प्रतिबंधित कर दिया जाएगा.

पटौदी के जनौला निवासी संजीव जनौला ने कहा है कि  तिरंगे का अपमान करना बहुत ही अशोभनीय कार्य है. संजीव जनौला पटौदी में पत्रकारों से बातचीत कर रहे थे. उन्होंने बताया कि तिरंगा हमारे हिंदुस्तान में रहने वाले सभी हिंदुस्तानियों ही नहीं अपितु विदेश में रहने वाले सभी प्रवासी भारतीयों के लिए भी बहुत ही मान सम्मान का प्रतीक है और तिरंगे का इस प्रकार से कोई अपमान करेगा तो उसको यह हिंदुस्तानी सहन नहीं करेंगे.