नई दिल्ली. एनआईए ने आरोप लगाया है कि कनाडा स्थित खालिस्तानी आतंकवादी गुरपतवंत सिंह पन्नून ने कश्मीर को भारत से अलग करने के प्रयास में 'लोकतांत्रिक गणराज्य उर्दूिस्तान' नामक एक क्षेत्र बनाने की योजना बनाई थी.
राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) की रिपोर्ट में कहा गया है कि सिख फॉर जस्टिस (एसएफजे) संगठन के माध्यम से का प्राथमिक एजेंडा भारत को विभाजित करना है. "पन्नून का लक्ष्य भारत को धार्मिक आधार पर विभाजित करना है. वह एक अलग मुस्लिम राष्ट्र की स्थापना के लिए देश की मुस्लिम आबादी को प्रभावित करना चाहता है, जिसे वह 'लोकतांत्रिक गणराज्य उर्दूस्तान' नाम देना चाहता है."
एनआईए की नवीनतम रिपोर्ट में कहा गया है, "इसके अलावा, वह कश्मीर को भारत से अलग करने के लिए कश्मीर के लोगों को कट्टरपंथी बनाने के लिए सक्रिय रूप से काम कर रहा है." एजेंसी ने अपने डोजियर में दावा किया है कि पन्नून ने युवा व्यक्तियों को अलगाववादी आंदोलन में शामिल होने के लिए उकसाया और उन्हें पंजाब में मुक्ति समर्थक नारे वाले उत्तेजक पोस्टर पोस्ट करने के लिए प्रोत्साहित किया. एनआईए ने पहले की एक रिपोर्ट में उल्लेख किया था कि पन्नून लॉ फर्म चलाता है, क्योंकि उसने पंजाब विश्वविद्यालय से कानून में स्नातक किया है.
उसकी लॉ फर्म को 'पन्नून लॉ फर्म' के नाम से जाना जाता है, जिसके कार्यालय न्यूयॉर्क (एस्टोरिया बुलेवार्ड, क्वींस) और कैलिफ़ोर्निया (लिबर्टी स्ट्रीट, फ़्रेमोंट) में हैं. हालांकि, वह भारत में नफरत फैला रहा है और लगातार कानून-व्यवस्था की समस्याएं पैदा कर रहा है.
पन्नून पर दिल्ली, पंजाब, हिमाचल प्रदेश, उत्तराखंड और हरियाणा में 16 मामले दर्ज किए गए हैं. 6 जुलाई, 2017 को पन्नून के खिलाफ पीएस सोहना, एसएएस नगर में आईपीसी की धारा 124-ए, 153-ए, 153-बी और 120-बी के तहत मामला दर्ज किया गया था. इस मामले में कई युवकों को गिरफ्तार किया गया था.
इंटेलिजेंस डोजियर में उल्लेख किया गया है कि पन्नून के निर्देश पर गिरफ्तार युवक पंजाब में अलगाववादी आंदोलन को बढ़ावा देने और मुक्ति समर्थक नारों के साथ उत्तेजक पोस्टर पोस्ट करने में शामिल थे. 20 दिसंबर, 1990 को पन्नून के खिलाफ टाडा अधिनियम के तहत एक मामला भी दर्ज किया गया था. 2 अप्रैल, 2018 को, पन्नून के खिलाफ पीएस सदर बंगा, एसबीएस नगर में एक और मामला दर्ज किया गया था.
पन्नून पर सिख युवाओं को शराब की दुकानें जलाने और अन्य विनाशकारी गतिविधियों में शामिल होने के लिए प्रोत्साहित करने का आरोप लगाया गया था. एक महीने बाद 31 मई, 2018 को पीएस रंगार नंगल, बटाला में एक और एफआईआर दर्ज की गई.
पुलिस ने शराब की दुकानों को जलाने और अन्य विनाशकारी गतिविधियों और हत्याओं की योजना बनाने में लगे एक आतंकी मॉड्यूल को नष्ट कर दिया. पता चला कि उन्हें पन्नून ने उकसाया था, जिन्होंने युवाओं से राज्यभर में पंजाब जनमत संग्रह के लिए बैनर प्रदर्शित करने का भी आग्रह किया था.
इस घटना के संबंध में 19 अक्टूबर, 2018 को पीएस सुल्तानविंड, अमृतसर में मामला दर्ज किया गया था. पन्नून के निर्देश पर इन युवाओं ने अमृतसर शहर में रेफरेंडम 2020 के बैनर प्रदर्शित करने का प्रयास किया, जिससे संभवतः हिंदुओं और सिखों के बीच सांप्रदायिक तनाव पैदा हो गया.
2019 में पन्नून पर भारत के खिलाफ अलगाववादी और आतंकवादी गतिविधियों में शामिल होने के लिए आईपीसी की धारा 120बी, 124ए, 153ए, 153बी और 505 के तहत और एनआईए द्वारा यूएपीए की धारा 13, 17 और 18 के तहत आरोप लगाया गया था. यह मामला 15 जनवरी, 2019 को दर्ज किया गया था. बाद में अप्रैल 2020 में एनआईए ने पन्नून के खिलाफ देशद्रोह की धाराएं जोड़ दीं.
पन्नून ने इंडिया गेट पर खालिस्तानी झंडा फहराने वाले को 25 लाख डॉलर का इनाम देने की घोषणा की थी. उसने 15 अगस्त, 2021 को लालकिले पर तिरंगा फहराने से रोकने वाले किसी भी पुलिस अधिकारी को 10 लाख डॉलर का इनाम देने का ऐलान भी किया था.
7 जुलाई, 2022 को गृह मंत्रालय ने उसे सूचीबद्ध आतंकवादी घोषित किया. पन्नून के पिता मोहिंदर सिंह पन्नून जाट, ग्राम नाथू चक, पीएस पट्टी, टीटीएन (विभाजन से पहले) और ग्राम काहनकोट, पीएस रामबाग, जिला अमृतसर-शहर (विभाजन के बाद) के निवासी थे. वह 1953 और 1996 के बीच अपनी मृत्यु तक चंडीगढ़ में रहे.
उसकी मां अमरजीत कौर पन्नून की उम्र करीब 80 साल है. गुरपतवंत की शादी गुरदासपुर जिले के धारीवाल की रहने वाली कुलविंदर कौर उर्फ निक्की से हुई थी. उसका एक बेटा और एक बेटी है. उसका भाई मगवंत सिंह विदेश में रहता है.
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