नई दिल्ली
एक आधिकारिक बयान के अनुसार, कश्मीरी पंडितों के एक प्रतिनिधिमंडल ने दिल्ली की मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता और गृह, बिजली और शहरी विकास मंत्री आशीष सूद से उनके नई दिल्ली स्थित कार्यालय में मुलाकात की।
बैठक में कश्मीरी पंडितों की एएमआर (नकद सहायता) से जुड़ी समस्याओं पर चर्चा हुई, जो कुछ विसंगतियों के कारण एक साल से ज़्यादा समय से बंद है।
दिल्ली में कश्मीरी प्रवासियों को सुरक्षा संबंधी व्यय (राहत एवं पुनर्वास) योजना के तहत तदर्थ मासिक राहत (एएमआर) मिलती है। 1989-90 में शुरू की गई यह योजना आतंकवाद के कारण कश्मीर से विस्थापित हुए लोगों की सहायता करती है।
दिल्ली में, यह राहत 1990-93 के बीच पंजीकृत परिवारों को प्रदान की जाती है, जिसमें दिल्ली सरकार और केंद्र सरकार मासिक भुगतान में योगदान करती हैं। राहत राशि को पिछली बार 2023 में बढ़ाकर 27,000 रुपये प्रति माह कर दिया गया था।
विज्ञप्ति के अनुसार, इस समूह में एआईकेएस (अखिल भारतीय कश्मीरी समाज) के अध्यक्ष रविंदर पंडिता, केईसीएसएस के पद्मश्री रमेश बामजई, जेकेवीएम के संजय गंजू, भाजपा नेता अश्विनी चुंगू और मोनिका पंडिता, कार्यकर्ता आशीष जुत्शी और रमेश टिकू शामिल थे।
विज्ञप्ति के अनुसार, मुख्यमंत्री ने प्रतिनिधिमंडल को आश्वासन दिया कि इस मुद्दे का समाधान किया जाएगा और दिल्ली के संभागीय आयुक्त और अन्य अधिकारियों से अगली कैबिनेट बैठक के एजेंडे में इस मामले को रखने को कहा।
इससे पहले, शारदा बचाओ समिति के रविंदर पंडिता ने मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता और आशीष सूद का शारदा शॉल भेंटकर स्वागत किया और उन्हें अगले महीने 31 अगस्त को पड़ने वाले वार्षिक शारदा दिवस की पूर्व संध्या पर शारदा मंदिर टीटवाल आने का निमंत्रण दिया।
कुछ महीने पहले सत्ता में आने के बाद नए मुख्यमंत्री के साथ कश्मीरी पंडितों की यह पहली आधिकारिक मुलाकात थी।