मंड्या (कर्नाटक)
कर्नाटक के मद्दुर शहर में सोमवार शाम गणपति जुलूस के दौरान पत्थरबाजी की घटना के बाद विरोध प्रदर्शन भड़क उठे। इसके मद्देनजर मंगलवार सुबह भारी पुलिस तैनाती की गई।
बाजार पूरी तरह सुनसान हैं और दुकानें बंद हैं, क्योंकि शहर में निषेधाज्ञा लागू है। इस बीच, इलाके के हिन्दू धार्मिक संगठनों ने इस मामले पर बैठक की।
पत्थरबाजी की घटना और उसके बाद हुई हिंसक झड़प के सिलसिले में कुल 21 लोगों को गिरफ्तार किया गया है। सोमवार को पुलिस ने भीड़ को तितर-बितर करने के लिए हल्की लाठी चार्ज की।
मंगलवार को हुए विरोध प्रदर्शन की शुरुआत हिंदू संगठनों द्वारा मद्दुर शहर में गणेश प्रतिमा विसर्जन के दौरान हुई पत्थरबाजी की घटना के खिलाफ हुई थी।
सूत्रों के अनुसार, झड़प तब हुई जब गणपति जुलूस मस्जिद के पास से गुजरा। मुख्यमंत्री सिद्दरमैया ने बताया कि भीड़ को इलाके में अधिक समय तक रहने से मना किया गया था।
मुख्यमंत्री ने कहा, "जब जुलूस मस्जिद के पास से गुजरा, तब मामूली झड़प हुई। पुलिस ने जुलूस में मौजूद लोगों को चेतावनी दी थी कि अधिक समय तक वहां न रहें। उसी समय कुछ पत्थरबाजी हुई। भीड़ ने समस्या उत्पन्न करने के लिए समूह बनाये, तब हल्की लाठी चार्ज की गई।"
उन्होंने यह भी आश्वस्त किया कि पत्थरबाजी में शामिल किसी भी व्यक्ति के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाएगी, और भाजपा नेताओं पर भड़काने का आरोप लगाया। उन्होंने कहा, "जो भी दोषी होगा, उसके खिलाफ कानूनी कार्रवाई होगी। भाजपा नेता ही भड़काने में लिप्त हैं। पुलिस ने कोई गलती नहीं की। अगर कोई गलती हुई है, तो उस पर कार्रवाई होगी।"
मुख्यमंत्री ने आगे कहा, "चाहे मुस्लिम हों, हिंदू हों, भाजपा, कांग्रेस या JD(S) -- कानून अपना कार्य करेगा। पुलिस ने जुलूस में मौजूद लोगों को चेतावनी दी थी कि अधिक समय तक न रहें। उसी समय कुछ पत्थरबाजी हुई।"
कर्नाटक के गृह मंत्री ने भी कहा कि स्थिति पूरी तरह काबू में है और पुलिस ने सभी आवश्यक कदम उठा लिए हैं।