नई दिल्ली
जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय छात्र संघ (जेएनयूएसयू) ने शनिवार को कार्यकर्ता उमर खालिद की गिरफ्तारी के पांच साल पूरे होने पर 'आज़ादी मार्च' निकाला। इस मार्च के ज़रिए दिल्ली दंगों की साजिश मामले में जेल में बंद उमर खालिद समेत अन्य आरोपियों के प्रति एकजुटता व्यक्त की गई।
मार्च गंगा ढाबा से साबरमती ढाबा तक आयोजित किया गया, जिसमें उमर खालिद के पिता सहित अन्य आरोपियों के परिजन और छात्र शामिल हुए। प्रदर्शनकारियों ने मांग की कि खालिद और उनके साथ आरोपित अन्य लोगों को अविलंब रिहा किया जाए और उनके खिलाफ लगाए गए यूएपीए जैसे कठोर कानूनों की समीक्षा की जाए।
यह प्रदर्शन ऐसे समय पर हुआ जब सुप्रीम कोर्ट ने उमर खालिद की जमानत याचिका पर सुनवाई एक सप्ताह के लिए स्थगित कर दी है। इससे पहले, दिल्ली हाई कोर्ट ने गैरकानूनी गतिविधियां (रोकथाम) अधिनियम – यूएपीए के तहत दर्ज इस मामले में खालिद को जमानत देने से इनकार कर दिया था। अब उच्चतम न्यायालय इस मामले की अगली सुनवाई 19 सितंबर को करेगा।
छात्र संघ ने आरोप लगाया कि सरकार आलोचनात्मक आवाज़ों को दबाने के लिए यूएपीए का दुरुपयोग कर रही है और लोकतांत्रिक अधिकारों पर हमला किया जा रहा है। मार्च में लगे नारों और बैनरों के ज़रिए भी यही संदेश दिया गया।