जम्मू-कश्मीर: उधमपुर में 2,000 से अधिक लोग 38 राहत शिविरों में शिफ्ट, क्षतिग्रस्त सड़कों में 190 की मरम्मत

Story by  एटीवी | Published by  [email protected] | Date 04-09-2025
Jammu and Kashmir: More than 2,000 people shifted to 38 relief camps in Udhampur, 190 damaged roads repaired
Jammu and Kashmir: More than 2,000 people shifted to 38 relief camps in Udhampur, 190 damaged roads repaired

 

उधमपुर (जम्मू-कश्मीर)

उधमपुर की उपायुक्त सलोनी राय ने बुधवार को जिले में स्थापित राहत शिविरों का व्यापक निरीक्षण किया। इस दौरान उन्होंने बारिश से प्रभावित लोगों से मुलाकात की और शिविरों में उपलब्ध सुविधाओं की समीक्षा की।

लगातार 25 अगस्त की शाम से हो रही मूसलाधार बारिश ने नदियों-नालों का जलस्तर बढ़ा दिया है और कई जगह भूस्खलन की घटनाओं से क्षेत्र बुरी तरह प्रभावित हुआ है। उपायुक्त ने बताया कि कई इलाकों का संपर्क पूरी तरह कट गया है।

राय ने कहा, “हमारा पहला लक्ष्य जनहानि रोकना था। इसी उद्देश्य से जिले के सुरक्षित क्षेत्रों में 38 राहत शिविर स्थापित किए गए हैं, जिनमें इस समय 2,000 से अधिक लोग रह रहे हैं।”

उन्होंने बताया कि सभी शिविरों में प्रभावित लोगों को भोजन, पानी और अन्य आवश्यक सुविधाएँ मुहैया कराई जा रही हैं। प्रशासनिक दल चौबीसों घंटे शिविरों में तैनात हैं।

सड़क संपर्क को हुए नुकसान पर जानकारी देते हुए राय ने कहा, “जिले में लगभग 380 सड़कों को क्षति पहुँची है। इनमें से 190 सड़कों की मरम्मत कर दोबारा खोला जा चुका है।” हालांकि दुधु-बसंतगढ़ और मौंगरी जैसे दूरस्थ क्षेत्र अब भी कटे हुए हैं। प्रशासन ने आश्वासन दिया है कि इन इलाकों तक आवश्यक सामग्री पहुँचाई जा रही है।

नेटवर्क सुविधा ज्यादातर जगह बहाल हो चुकी है, लेकिन दुधु-बसंतगढ़ क्षेत्र अब भी प्रभावित है। मौसम सुधरने पर अतिरिक्त मशीनरी के साथ सड़क बहाली कार्य तेज़ी से जारी रहेगा।

इस बीच, जम्मू-कश्मीर के अन्य हिस्सों में भी लगातार बारिश से नदी-नाले उफान पर हैं। राजौरी, डोडा के भलेसा और भद्रवाह इलाकों में बाढ़ जैसी स्थिति बनी हुई है। तवी, झेलम और चेनाब नदियाँ खतरे के निशान से ऊपर बह रही हैं।

लगातार हो रही मूसलाधार बारिश और बाढ़ ने पूरे उत्तर भारत—हिमाचल प्रदेश, जम्मू-कश्मीर, पंजाब और उत्तराखंड—में भारी तबाही मचाई है। पिछले कुछ हफ्तों में भूस्खलन, बाढ़ और जलभराव ने कई जिंदगियाँ लील ली हैं, हज़ारों लोग विस्थापित हुए हैं और बुनियादी ढांचे, कृषि व आजीविका को व्यापक नुकसान पहुँचा है।