कटरा (जम्मू और कश्मीर)
नवरात्रि के तीसरे दिन भी श्रद्धालुओं का श्री माता वैष्णो देवी के गुफा मंदिर में तांता लगा रहा। लंबी कतारों के बावजूद भक्त उत्साह और श्रद्धा के साथ माता के दर्शन करने पहुंचे।
मंदिर का माहौल भक्तिमय है, और श्रद्धालु भजनों का जप कर रहे हैं। श्राइन बोर्ड और स्थानीय प्रशासन ने बढ़ते श्रद्धालुओं के दबाव को संभालने के लिए विशेष व्यवस्थाएँ की हैं, ताकि नौ दिवसीय शारदीय नवरात्रि के दौरान यात्रियों को सुविधाजनक दर्शन और सेवाएँ मिलती रहें।
नवरात्रि, जिसे शारदीय नवरात्रि भी कहा जाता है, भारत में व्यापक रूप से मनाया जाने वाला रंगीन और जीवंत हिंदू पर्व है। यह नौ रातों का पर्व आष्विन मास में मनाया जाता है और माता दुर्गा तथा उनके नौ अवतारों को समर्पित होता है, जो शक्ति, बुद्धिमत्ता और करुणा जैसी विशेषताओं का प्रतीक हैं।
इस दौरान प्रतिदिन पूजा, व्रत, भजन-कीर्तन और पारंपरिक नृत्य जैसे गरबा और डांडिया रास का आयोजन किया जाता है। गुजरात में बड़े सामुदायिक कार्यक्रम और सांस्कृतिक प्रस्तुतियाँ इस पर्व का केंद्रीय हिस्सा हैं, जबकि कोलकाता में इस साल के दुर्गा पूजा पंडालों ने कृत्रिम बुद्धिमत्ता, पर्यावरणीय मुद्दे और बदलती पारिवारिक संरचनाएँ जैसे विषयों को थीम बनाया, जिससे उत्सव के साथ-साथ जागरूकता भी फैली।
वैष्णो देवी यात्रा भारी बारिश और भूस्खलन के कारण 22 दिन के बाद फिर से शुरू हुई है। देशभर के श्रद्धालु अब मंदिर पहुँच रहे हैं और इस लंबे इंतजार के खत्म होने और माता के आशीर्वाद प्राप्त करने की खुशी व्यक्त कर रहे हैं।
यात्रा 26 अगस्त को एक भूस्खलन के कारण स्थगित की गई थी, जिसमें 34 लोगों की मौत और कई घायल हुए थे। यह आपदा दोपहर लगभग 3 बजे तब आई जब कटरा से मंदिर तक 12 किलोमीटर की यात्रा के बीच अधकुवारी में इन्द्रप्रस्थ भोजनालय के पास भारी बारिश से भूस्खलन हुआ।