कठुआ (जम्मू-कश्मीर),
जम्मू-कश्मीर के कठुआ जिले में रविवार को बादल फटने के बाद अचानक बाढ़ और भूस्खलन की घटनाएं हुईं। इसमें कम से कम सात लोगों की मौत हो गई है।
अधिकारियों के अनुसार, शनिवार और रविवार की दरमियानी रात हुई इस प्राकृतिक आपदा से रेलवे ट्रैक, राष्ट्रीय राजमार्ग और स्थानीय पुलिस स्टेशन को भी नुकसान पहुंचा है। कई वाहन फंसे हुए हैं, जिन्हें निकालने के लिए अभियान तेज कर दिया गया है। कठुआ और किश्तवाड़ में राहत एवं बचाव कार्य जारी हैं।
केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने कहा कि केंद्र सरकार हालात पर लगातार नजर बनाए हुए है और हरसंभव मदद दी जाएगी। उन्होंने एक्स पर लिखा, ‘‘कठुआ में बादल फटने को लेकर जम्मू-कश्मीर के उपराज्यपाल और मुख्यमंत्री से बात की है। स्थानीय प्रशासन राहत और बचाव कार्य कर रहा है, एनडीआरएफ की टीमें भी भेजी गई हैं। मोदी सरकार की ओर से हर तरह का सहयोग दिया जाएगा। हम जम्मू-कश्मीर के भाइयों-बहनों के साथ खड़े हैं।’’
भारतीय सेना जमीनी स्तर पर राहत-बचाव अभियान की अगुवाई कर रही है, जिसे एनडीआरएफ, एसडीआरएफ, बॉर्डर रोड्स ऑर्गनाइजेशन (बीआरओ), पुलिस और स्थानीय प्रशासन का सहयोग मिल रहा है।
जम्मू-कश्मीर कांग्रेस अध्यक्ष तारिक हमीद कर्रा ने कठुआ और किश्तवाड़ में बादल फटने व बाढ़ की घटनाओं को ‘‘बेहद दुखद’’ बताया और कहा कि रोकथाम व बचाव उपायों में चूक हुई है। उन्होंने कहा, ‘‘यह बहुत दुखद घटना है। हम खुद जाकर राहत कार्यों की निगरानी करेंगे। 48 घंटे पहले ही अलर्ट जारी हुआ था, फिर भी लोगों को वहां जाने क्यों दिया गया? बचाव कार्यों में कुछ कमी साफ दिख रही है।’’
किश्तवाड़ में आवश्यक सेवाओं को बहाल करने पर जोर दिया जा रहा है। जम्मू संभागीय आयुक्त रमेश कुमार ने बताया, ‘‘यहां बड़े-बड़े पत्थर गिरे थे जिन्हें कल ही विस्फोट कर तोड़ा गया। संभावना है कि कुछ शव इनके नीचे दबे हों, इसलिए रोप ब्रेकर लगाए गए हैं। बिजली और पानी की आपूर्ति बहाल कर दी गई है। सेना की मदद से यहां एक पुल बनाया जा रहा है। मचैल में फंसे सभी यात्रियों को कल सुरक्षित बाहर निकाल लिया गया था।’’