जमीयत प्रमुख मदनी ने असदुद्दीन ओवैसी पर लगाया ‘विभाजनकारी राजनीति’ का आरोप, एनआरसी का किया समर्थन

Story by  आवाज़ द वॉयस | Published by  [email protected] | Date 27-09-2024
 Mahmood Madani
Mahmood Madani

 

नई दिल्ली. पूर्व राज्यसभा सांसद और जमीयत उलेमा-ए-हिंद के प्रमुख मौलाना महमूद मदनी ने ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन (एआईएमआईएम) के अध्यक्ष असदुद्दीन ओवैसी की आलोचना करते हुए उन पर ‘विभाजनकारी राजनीति’ करने का आरोप लगाया.

एंकर सुशांत सिन्हा के साथ पॉडकास्ट साक्षात्कार में, उत्तर प्रदेश के प्रमुख मुस्लिम धार्मिक नेता मदनी ने कहा कि ओवैसी को मुस्लिम समुदाय का समर्थन नहीं है, उन्होंने दावा किया कि वे उन्हें अपना नेता नहीं मानते.

यहां यह उल्लेख करना उचित है कि ओवैसी की पार्टी ने यूपी विधानसभा चुनाव में 95 सीटों पर चुनाव लड़ा था. हालांकि, पार्टी 403 सीटों में से कुल वोटों का केवल 0.43 प्रतिशत हासिल करके एक भी सीट जीतने में विफल रही.

विवादास्पद नागरिकता संशोधन अधिनियम (सीएए) और राष्ट्रीय नागरिक रजिस्टर (एनआरसी) कानूनों पर बोलते हुए, मदनी ने ओवैसी को चुनौती देते हुए दावा किया कि उनके बयान अनुचित थे. उन्होंने आगे कहा कि सरकार एनआरसी लागू कर सकती है.

एक्स-प्लेटफॉर्म पर वीडियो क्लिप शेयर करते हुए सुशांत सिन्हा ने लिखा, ‘‘मौलाना मदनी पूरे विश्वास के साथ कह रहे हैं कि एनआरसी लागू किया जाना चाहिए. वह कह रहे हैं कि जमीयत का भी यही रुख है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और गृह मंत्री अमित शाह को इस मामले का संज्ञान लेना चाहिए. देश को एनआरसी की जरूरत है.’’

 

हैदराबाद से पांच बार सांसद रहे ओवैसी भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) और उसकी नीतियों के मुखर आलोचक रहे हैं. हालांकि, उनकी पहचान की राजनीति का तरीका यूपी के लोगों को पसंद नहीं आया और उन्होंने भाजपा और उसके गठबंधन के लिए मतदान किया.

 

 

 

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