अनंतनाग (जम्मू और कश्मीर)
केंद्रीय सिल्क बोर्ड (सीएसबी) ने कॉर्पोरेट सोशल रिस्पॉन्सिबिलिटी (CSR) और टेक्नोलॉजी इन्फॉर्मेशन (TI) विभाग के सहयोग से अनंतनाग में सिल्क कार्यालय के अंतर्गत ‘मेरा रेशम मेरा अभिमान’ कार्यक्रम के तहत एक कोकून नीलामी बाजार आयोजित किया।
यह कार्यक्रम सोमवार को सिल्क टेक्नोलॉजी ट्रांसफर अभियान के अंतर्गत सिल्क उद्योग में तकनीकी उन्नति को बढ़ावा देने और स्थानीय किसानों को ज्ञान साझा करने तथा क्षमता विकास पहलों के माध्यम से सशक्त बनाने के लिए आयोजित किया गया।
केंद्रीय सिल्क बोर्ड के मेंबर सेक्रेटरी पी शिवा कुमार ने जम्मू-कश्मीर में रेशम पर्यटन को मजबूत करने की आवश्यकता पर जोर दिया। उन्होंने कहा, “हमारा एक उद्देश्य कश्मीर में रेशम पर्यटन को मजबूत करना है। ये प्रयास मानसबल झील के पास पहले से ही चल रहे हैं। यहां आने वाले पर्यटक सिल्क बनाने की प्रक्रिया की शुरुआत से लेकर अंत तक सीख सकते हैं।”
उन्होंने आगे कहा, “एक अन्य बड़ा उद्देश्य जिले में मार्केटिंग इंफ्रास्ट्रक्चर को बढ़ाना है। हमारे पास वर्तमान में एक बाजार है, लेकिन हम ऑटोमेशन और ऑनलाइन नीलामी मॉडलों का उपयोग करने की योजना बना रहे हैं, जैसे कि दक्षिण भारत में किया जाता है।”
बशीर अहमद चौहान, जो पिछले 20 वर्षों से रेशम उत्पादन कर रहे हैं, ने स्थिर दर न होने के कारण किसानों की चिंता बताई और सरकार से इसके लिए एक निश्चित दर लागू करने का आग्रह किया।
उन्होंने एएनआई से कहा, “हमारी चिंता यह है कि एक (निश्चित) दर होनी चाहिए। हम गरीब लोग हैं जो इस काम को कर रहे हैं, हमें दूर से पत्तियां भी लानी पड़ती हैं। लेकिन हमें इससे काफी लाभ होता है, हम शर्ट, चीजें और अन्य कई वस्तुएं बनाते हैं।”
एक अन्य रेशम उत्पादक ने कहा कि इस उद्योग में लोगों के पैसे कमाने की बहुत संभावनाएं हैं, कुछ लोग इस काम से महीने में 50,000 रुपये तक कमा लेते हैं।
उन्होंने कहा, “कुछ लोग दूसरे कामों में व्यस्त हो गए, इसलिए उन्होंने छोड़ दिया। लेकिन इस उद्योग में बहुत फायदा है। अगर देखें तो एक व्यक्ति महीने में 50,000 से 60,000 रुपये कमा सकता है। लोग रोज आते हैं और मार्गदर्शन भी देते हैं।”
कार्यक्रम की एक मुख्य खासियत कोकून की नीलामी थी, जिसमें जिले भर के किसानों ने उत्साहपूर्वक भाग लिया। यह अभियान किसानों को विशेषज्ञों के साथ जुड़ने, नई तकनीकों को जानने और बेहतर सिल्क उत्पादन के माध्यम से अपनी आजीविका बढ़ाने का महत्वपूर्ण मंच प्रदान करता है।
इस कार्यक्रम ने केंद्रीय सिल्क बोर्ड और जम्मू-कश्मीर सिल्क विभाग की क्षेत्र में सिल्क उद्योग को उन्नत बनाने और ग्रामीण रोजगार बढ़ाने की प्रतिबद्धता को दोबारा पुष्ट किया। कार्यक्रम के अंत में प्रगतिशील किसानों को प्रशंसा पत्र और सौर लाइट वितरित किए गए।