आवाज द वॉयस/नई दिल्ली
नगर निकाय चुनाव में यूडीएफ की भारी जीत के एक दिन बाद रविवार को कर्नाटक प्रदेश कांग्रेस कमेटी (केपीसीसी) प्रमुख सनी जोसेफ ने कहा कि केरल कांग्रेस (एम) ही अब यह तय कर सकती है कि उसे कांग्रेस के नेतृत्व वाले गठबंधन में वापस आना चाहिए या नहीं।
केसी (एम) कभी संयुक्त लोकतांत्रिक मोर्चा (यूडीएफ) की एक प्रमुख गठबंधन सहयोगी थी और अब सत्तारूढ़ वाम लोकतांत्रिक मोर्चा (एलडीएफ) का हिस्सा है।
उन्होंने यह भी कहा कि आगामी विधानसभा चुनाव से पहले यूडीएफ अपना आधार बढ़ाएगा जो इस बात का संकेत है कि जो लोग पहले पार्टी छोड़ चुके थे उनके अब जनता के फैसले का रुख देखकर वापसी की संभावना है।
केसी(एम) ने कुछ मतभेदों के कारण वर्षों पहले यूडीएफ के साथ अपने दशकों पुराने संबंधों को तोड़ने के बाद मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (माकपा) के नेतृत्व वाले एलडीएफ के साथ हाथ मिला लिया था।
जोसेफ ने कहा, ‘‘चर्चा करना, निर्णय लेना और तय करना उन्हीं पर निर्भर है।’’ जोसेफ से पत्रकारों ने यह पूछा था कि अगर केसी(एम) लौटकर आता है तो उसे यूडीएफ में शामिल किया जाएगा या नहीं।
उन्होंने यह भी कहा कि तृणमूल कांग्रेस के नेता पी.वी. अनवर के बारे में जल्द निर्णय लिया जाएगा। अनवर पूर्व निर्दलीय एलडीएफ विधायक हैं और उन्होंने वाम मोर्चे से अपना संबंध तोड़ लिया है। उन्होंने संकेत दिया कि अनवर की पार्टी यूडीएफ की सहयोगी सदस्य बन जाएगी और अंतिम घोषणा जल्द की जाएगी।
उन्होंने कहा कि अनवर पहले ही यूडीएफ को समर्थन दे चुके हैं और यूडीएफ में उनका स्वागत करने के संबंध में केवल कुछ तकनीकी मुद्दे ही शेष हैं।
जोसेफ ने कहा कि न केवल स्थानीय निकाय चुनाव में बल्कि संसदीय चुनाव और हाल में हुए सभी उपचुनावों में भी यूडीएफ विजयी रहा है और इसलिए केरल के लोगों की सोच इससे स्पष्ट हो जाती है।