पूंछ (जम्मू-कश्मीर)
भारतीय सेना की कृष्णा घाटी ब्रिगेड की बलनोई बटालियन ने रविवार को पूंछ जिले के सीमावर्ती बलनोई क्षेत्र में ग्रामीणों और उनके पशुओं के लिए एक निःशुल्क पशु-चिकित्सा एवं चिकित्सा शिविर का आयोजन किया।
इस अवसर पर भारतीय सेना द्वारा ग्रामीणों को निःशुल्क व्हीलचेयर भी वितरित की गईं। स्थानीय लोगों ने इस पहल के लिए सेना का आभार व्यक्त किया और समुदाय को दिए जा रहे सहयोग एवं सेवाओं की सराहना की।
स्थानीय निवासी अहमद अशरफ चौधरी ने अपनी कृतज्ञता व्यक्त करते हुए कहा कि भारतीय सेना लगातार इस तरह के शिविरों का आयोजन करती रही है। उन्होंने बताया कि ‘ऑपरेशन सिंदूर’ के बाद सेना द्वारा 6–7 ऐसे कार्यक्रम आयोजित किए गए हैं।
चौधरी ने एएनआई से कहा, “भारतीय सेना इस तरह के आयोजन लगातार करती रहती है, इसके लिए मैं उनका धन्यवाद करता हूं कि वे अच्छे और बुरे समय में आम लोगों के साथ खड़ी रहती है। बलनोई में ऑपरेशन सिंदूर के बाद 6–7 शिविर लगाए गए हैं, जिनमें लोगों की भारी भागीदारी रही है।”
एक अन्य स्थानीय निवासी मोहम्मद फरीद मलिक ने कहा कि भारतीय सेना ने चिकित्सा शिविर के माध्यम से दिव्यांगजनों को विशेष सुविधाएं उपलब्ध कराईं।
मलिक ने एएनआई से कहा, “भारतीय सेना ने हमेशा की तरह एक चिकित्सा शिविर का आयोजन किया है। 30 पंजाब के आने के बाद से सेना ने विशेष रूप से दिव्यांगजनों का ध्यान रखा है और सुविधाएं उपलब्ध कराने में बड़ी भूमिका निभाई है। समाज अक्सर दिव्यांगजनों को कमजोर मानता है और उन्हें अपाहिज कहता है, लेकिन हमारी भारतीय सेना ने यह साबित किया है कि ये लोग भी समाज का अभिन्न हिस्सा हैं। पिछले एक वर्ष में सेना ने 300 व्हीलचेयर, श्रवण यंत्र उपलब्ध कराए हैं और कुछ मरीजों को कृत्रिम पैर दिलाने में भी मदद की है। मैं भारतीय सेना, विशेष रूप से 30 पंजाब का आम और दिव्यांग लोगों के साथ न्याय करने के लिए धन्यवाद करता हूं।”
इससे पहले, भारतीय सेना ने अपने जारी ऑपरेशन सद्भावना के तहत मणिगोंग के फुटबॉल ग्राउंड में “खेलों के माध्यम से एकता” थीम पर एक वॉलीबॉल मैच का आयोजन किया। इस कार्यक्रम में स्थानीय समुदाय और भारतीय सेना के जवानों ने मिलकर खेल भावना और आपसी सौहार्द का उत्सव मनाया।
मणिगोंग वॉलीबॉल क्लब और जूनियर वॉलीबॉल टीम के बीच खेले गए इस मैच में जबरदस्त उत्साह और ऊर्जा देखने को मिली। भारतीय सेना के जवानों ने भी इस आयोजन में भाग लिया, जिससे सहयोग और आपसी सम्मान को बढ़ावा मिला। दो पुलिसकर्मियों ने भी कार्यक्रम में सहयोग दिया, जिससे सामुदायिक साझेदारी के महत्व को रेखांकित किया गया।
कार्यक्रम में पुरस्कार वितरण समारोह, चाय पर संवाद सत्र और आपसी मेल-जोल के अवसर भी शामिल थे। स्थानीय लोगों की उत्साहपूर्ण भागीदारी ने इस आयोजन को सफल बनाया। ऐसे स्थानीय खेल आयोजन घाटी के लोगों को भारतीय सशस्त्र बलों के और करीब ला रहे हैं।
इस आयोजन का उद्देश्य खेलों को बढ़ावा देना, सामुदायिक एकजुटता को मजबूत करना और युवाओं को नशे से दूर रखना था।