श्रीहरिकोटा (आंध्र प्रदेश)
भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) ने क्रिसमस की पूर्व संध्या पर अपने सबसे भारी प्रक्षेपण यान ‘एलवीएम-3 एम-6’ या ‘बाहुबली’ के माध्यम से अमेरिकी संचार उपग्रह ‘ब्लूबर्ड ब्लॉक-2’ को सफलतापूर्वक निर्धारित कक्षा में स्थापित किया।
इस मिशन का उद्देश्य सीधे मोबाइल नेटवर्क के माध्यम से 4जी और 5जी वॉयस-वीडियो कॉल, संदेश, स्ट्रीमिंग और डेटा सेवाओं को उपलब्ध कराना है। यह मिशन ‘न्यूस्पेस इंडिया लिमिटेड’ (एनएसआईएल) और अमेरिका स्थित एएसटी स्पेसमोबाइल के बीच हुए वाणिज्यिक समझौते के तहत संचालित किया गया।
एलवीएम-3 एम-6 प्रक्षेपण यान 43.5 मीटर लंबा है और इसमें दो एस-200 ठोस बूस्टर लगाए गए हैं। यान ने श्रीहरिकोटा अंतरिक्ष केंद्र से सुबह लगभग 135 किलोमीटर पूर्व से उड़ान भरी और लगभग 15 मिनट में उपग्रह को कक्षा में स्थापित कर दिया। उपग्रह को नियोजित 520 किलोमीटर की जगह 518 किलोमीटर की वृत्ताकार कक्षा में रखा गया।
इसरो के अध्यक्ष वी. नारायणन ने इस उपलब्धि को ‘‘नववर्ष और क्रिसमस का भारत को उपहार’’ बताया। उन्होंने कहा कि एलवीएम-3 ने अपनी 100 प्रतिशत सफलता दर बनाए रखी और महज 52 दिनों में दो एलवीएम-3 प्रक्षेपण यानों का सफल संचालन किया गया। इस मिशन के साथ भारत ने अब तक 34 देशों के लिए कुल 434 उपग्रह प्रक्षेपित कर दिए हैं।
6,100 किलोग्राम वजनी ‘ब्लूबर्ड ब्लॉक-2’ अब तक का सबसे भारी संचार उपग्रह है जिसे इसरो ने पृथ्वी की निम्न कक्षा में स्थापित किया है। इसका उद्देश्य स्मार्टफोन को सीधे उच्च गति वाली सेल्युलर ब्रॉडबैंड सेवा प्रदान करना है।
नारायणन ने आगे कहा कि इसरो की तैयारी में औद्योगिक समूह और भारतीय स्टार्टअप भी सक्रिय हैं। भविष्य में ‘गगनयान’ मानवयुक्त मिशन और और उपग्रह प्रक्षेपण योजनाएं भी क्रमशः पूरी होंगी।
इसरो ने बताया कि एमवीएम3 यान तीन चरण वाला है और इसमें क्रायोजेनिक इंजन लगाया गया है। इससे पहले इसी साल 2 नवंबर को एलवीएम-3 एम-5 ने 4,400 किलोग्राम वजनी संचार उपग्रह सफलतापूर्वक प्रक्षेपित किया था।