आवाज द वॉयस/नई दिल्ली
गाजियाबाद स्थित भारतीय भेषज संहिता आयोग (आईपीसी) ने झारखंड में सुरक्षित और तर्कसंगत दवा उपयोग को बढ़ावा देने तथा दवा सुरक्षा निगरानी (फार्माकोविजिलेंस) को मजबूत करने के लिए ‘झारखंड राज्य फार्मेसी काउंसिल’ (जेएसपीसी) के साथ शनिवार को एक समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए।
भारतीय भेषज संहिता आयोग, केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय के अधीन एक स्वायत्त संस्था है।
स्वास्थ्य मंत्रालय के एक बयान के अनुसार, इस साझेदारी के तहत आईपीसी और जेएसपीसी मिलकर पंजीकृत अनेक फार्मासिस्ट को प्रशिक्षण देंगे, ताकि वे दवाओं के दुष्प्रभाव की रिपोर्टिंग, दवा सुरक्षा निगरानी, मेडिकल उपकरणों की सुरक्षा निगरानी और दवाओं के सुरक्षित उपयोग के बारे में अपनी क्षमता बढ़ा सकें।
इस साझेदारी का उद्देश्य झारखंड के अस्पतालों और स्वास्थ्य संस्थानों में ‘नेशनल फॉर्मुलेरी ऑफ इंडिया’ (एनएफआई) के उपयोग को बढ़ावा देना है, ताकि इसे दवाओं से संबंधित जानकारी के एक मानक संदर्भ के रूप में अपनाया जा सके। साथ ही यह अनेक फार्मासिस्ट को एनएफआई का नियमित और सही तरीके से उपयोग करने के लिए प्रोत्साहित करेगी।
बयान में कहा गया कि इस सहयोग में अस्पतालों और सामुदायिक स्तर पर कार्यरत फार्मासिस्ट के लिए जागरुकता कार्यक्रम आयोजित करना, विभिन्न संस्थानों की फार्मेसी में एनएफआई के अनिवार्य उपयोग को बढ़ावा देना तथा आईपीसी के सहयोग से हर वर्ष ‘नेशनल फार्माकोविजिलेंस वीक’ का आयोजन करना शामिल हैं।
इस समझौता ज्ञापन पर आईपीसी के सचिव एवं वैज्ञानिक निदेशक डॉ. वी. कलैसेल्वन और जेएसपीसी के रजिस्ट्रार एवं सचिव प्रशांत कुमार पांडे ने दोनों संगठनों के प्रतिनिधियों की उपस्थिति में हस्ताक्षर किए।