आदिवासी नायकों के इतिहास को पहले जानबूझकर नजरअंदाज किया गया: फडणवीस

Story by  PTI | Published by  [email protected] | Date 15-11-2025
History of tribal heroes was deliberately ignored earlier: Fadnavis
History of tribal heroes was deliberately ignored earlier: Fadnavis

 

आवाज द वॉयस/नई दिल्ली

 
 पूर्ववर्ती कांग्रेस नीत सरकारों पर निशाना साधते हुए महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने शनिवार को कहा कि स्वतंत्रता संग्राम में आदिवासी नायकों की भूमिका को इतिहास की किताबों में जानबूझकर नजरअंदाज किया गया।
 
आदिवासी अधिकार नेता और स्वतंत्रता सेनानी बिरसा मुंडा की 150वीं जयंती के अवसर पर आयोजित जनजातीय गौरव दिवस पर एक सभा को संबोधित करते हुए फडणवीस ने कहा कि राज्य सरकार आदिवासी समुदाय के जल, जमीन, जंगल और संस्कृति की रक्षा के लिए प्रतिबद्ध है।
 
फडणवीस ने आदिवासी सांस्कृतिक महोत्सव का उद्घाटन करने के बाद कहा, "हमारे स्वतंत्रता संग्राम में योगदान देने वाले आदिवासी नायकों को जानबूझकर इतिहास से दूर रखा गया ताकि आम लोग उनके बारे में न जान सकें।"
 
उन्होंने कहा कि भाजपा सरकार ने आदिवासी समुदाय के लिए कई कल्याणकारी योजनाएं शुरू की हैं और वन भूमि के पट्टे (स्वामित्व अधिकार) आवंटित कर रही है।
 
उन्होंने अन्य कल्याणकारी पहलों के अलावा आदिवासी आश्रम शालाओं के शुभारंभ और आदिवासी छात्रावासों में प्रवेश न पाने वाले आदिवासी छात्रों के लिए 60,000 रुपये की सहायता का भी उल्लेख किया।
 
मुख्यमंत्री ने कहा, "हमने आदिवासी छात्रों के लिए विभिन्न योजनाएं शुरू की हैं ताकि वे प्रतिष्ठित स्कूलों में पढ़ाई कर सकें और आदिवासी महिलाओं को सशक्त बना सकें। हम आदिवासी गांवों में सड़कों का नेटवर्क बना रहे हैं और राज्य तथा केंद्रीय योजनाओं के माध्यम से उनके स्वास्थ्य की सुरक्षा भी सुनिश्चित कर रहे हैं।"
 
उन्होंने राज्य जनजातीय विकास विभाग द्वारा शुरू की गई आश्रम शाला डिजिटलीकरण और जनजातीय छात्रों के लिए उच्च शिक्षा योजनाओं की सराहना की।
 
फडणवीस ने कहा, "आजादी के अमृत महोत्सव के अवसर पर प्रधानमंत्री मोदी ने स्वतंत्रता संग्राम में आदिवासी समुदाय के अपार योगदान पर प्रकाश डाला था। हालांकि, हमारे आदिवासी नायकों को जानबूझकर इतिहास से दूर रखा गया। प्रधानमंत्री ने देश भर में ऐसे नायकों की पहचान करने और किताबें लिखकर उनके इतिहास को उजागर करने, उनकी मूर्तियां और स्मारक बनाने का आह्वान किया है।"