भारत IMF की बैठक में पाकिस्तान के बेलआउट पैकेज पर रखेगा अपना पक्ष

Story by  एटीवी | Published by  [email protected] | Date 09-05-2025
India will put forward its stand on Pakistan's bailout package in the IMF meeting
India will put forward its stand on Pakistan's bailout package in the IMF meeting

 

नई दिल्ली

भारत ने साफ संकेत दिए हैं कि वह अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (IMF) की आज होने वाली अहम बोर्ड बैठक में पाकिस्तान को दिए जा रहे संभावित बेलआउट पैकेज पर अपना रुख स्पष्ट रूप से सामने रखेगा।

विदेश सचिव विक्रम मिस्री ने शुक्रवार को राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में एक प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान कहा,“आपको पता होना चाहिए कि आईएमएफ की बैठक चल रही है। हम आईएमएफ के सदस्यों के समक्ष अपना दृष्टिकोण और विचार रखेंगे। निर्णय बोर्ड का होगा।”

सूत्रों के अनुसार, पाकिस्तान IMF से 1 बिलियन अमेरिकी डॉलर की अगली किस्त की मांग कर रहा है। भारत का रुख स्पष्ट रूप से पाकिस्तान के बेलआउट का विरोध करने का है, क्योंकि उसका मानना है कि पाकिस्तान सीमा पार आतंकवाद को बढ़ावा देता है।

आतंकी हमले के बाद भारत का सख्त रुख

22 अप्रैल को जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले, जिसमें 26 लोगों की जान गई, के बाद भारत ने पाकिस्तान के खिलाफ अपनी राजनयिक और रणनीतिक स्थिति को कड़ा कर दिया है।भारत ने इस हमले के बाद 1960 की सिंधु जल संधि को तत्काल प्रभाव से स्थगित कर दिया।

इस संबंध में विदेश सचिव मिस्री ने कहा,“सिंधु जल संधि स्थगित है और इस पर सुरक्षा पर कैबिनेट समिति द्वारा निर्णय ले लिया गया है। इस पर मैं और कुछ नहीं कहूंगा।”

FATF में भी उठेगा पाकिस्तान का मुद्दा

भारत अब FATF (वित्तीय कार्रवाई कार्य बल) के समक्ष पाकिस्तान को दोबारा ग्रे लिस्ट में शामिल कराने की कोशिश करेगा। यदि ऐसा हुआ तो पाकिस्तान के लिए वैश्विक वित्तीय संस्थाओं से कर्ज लेना और भी मुश्किल हो जाएगा।

विश्व बैंक ने खुद को अलग किया

सिंधु जल संधि के भविष्य को लेकर मीडिया में आई अटकलों के बीच विश्व बैंक अध्यक्ष अजय बंगा ने स्पष्ट किया कि“विश्व बैंक की भूमिका केवल मध्यस्थ की है, इससे आगे कुछ नहीं। हमारे पास इस समस्या को हल करने का कोई अधिकार नहीं है। बाकी जो कुछ कहा जा रहा है, वह सब अफवाहें हैं।”

बंगा ने गुरुवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से भी मुलाकात की थी, जिसके बाद अटकलें लगाई जा रही थीं कि विश्व बैंक इस विवाद में कोई भूमिका निभा सकता है।

क्या है सिंधु जल संधि?

1960 में भारत और पाकिस्तान के बीच विश्व बैंक की मध्यस्थता से बनी यह संधि तीन पश्चिमी नदियों — सिंधु, झेलम और चिनाब — को पाकिस्तान को और तीन पूर्वी नदियों — रावी, ब्यास और सतलुज — को भारत को सौंपती है।इस संधि के तहत पाकिस्तान को सिंधु प्रणाली का 80% पानी और भारत को 20% पानी मिलता है।

हालांकि, अब भारत ने यह संधि तब तक के लिए निलंबित कर दी है, जब तक पाकिस्तान आतंकवाद के समर्थन को स्थायी और विश्वसनीय रूप से समाप्त नहीं करता।