देश के सेवा क्षेत्र की वृद्धि दर सितंबर में मासिक आधार पर घटी

Story by  PTI | Published by  [email protected] | Date 06-10-2025
India's services sector growth slows on a monthly basis in September
India's services sector growth slows on a monthly basis in September

 

आवाज द वॉयस/नई दिल्ली

 
देश के सेवा क्षेत्र की वृद्धि दर नए ऑर्डर एवं गतिविधियों की धीमी गति के कारण सितंबर में अगस्त के उच्च स्तर से नीचे आ गई। सोमवार को जारी एक मासिक सर्वेक्षण में यह जानकारी दी गई।
 
मौसमी रूप से समायोजित एचएसबीसी इंडिया सेवा पीएमआई कारोबारी गतिविधि सूचकांक सितंबर में 60.9 पर आ गया जो अगस्त में 15 साल के उच्च स्तर 62.9 पर पहुंच गया था। इस नरमी के बावजूद सितंबद माह का सेवा पीएमआई सूचकांक 50.0 के तटस्थ स्तर से काफी ऊपर रहा जो उत्पादन में एक और महत्वपूर्ण वृद्धि का संकेत देता है।
 
क्रय प्रबंधक सूचकांक (पीएमआई) की भाषा में 50 से ऊपर अंक का मतलब गतिविधियों में विस्तार से और 50 से कम का आशय संकुचन से होता है।
 
एचएसबीसी के भारत के मुख्य अर्थशास्त्री प्रांजुल भंडारी ने कहा, ‘‘ देश के सेवा क्षेत्र में व्यावसायिक गतिविधियां अगस्त के हालिया उच्च स्तर से सितंबर में कम हुईं...।’’
 
सर्वेक्षण के अनुसार, मंदी का एक कारण भारतीय सेवाओं की अंतरराष्ट्रीय मांग में नरम सुधार भी है।
 
सितंबर में बाहरी बिक्री में फिर भी वृद्धि हुई लेकिन मार्च के बाद से यह सबसे कम रही। कंपनियों ने निर्यात ऑर्डर की वृद्धि में मंदी के पीछे मुख्य वजह अन्यत्र कम कीमतों पर सेवाओं की आपूर्ति को बताया।
 
कीमतों के मोर्चे पर इसमें कहा गया कि मुद्रास्फीति की गति मध्यम रही जो मार्च के बाद से सबसे धीमी और मोटे तौर पर दीर्घावधि श्रृंखला औसत के अनुरूप रही क्योंकि भारतीय सेवाओं के प्रावधान के लिए ली जाने वाली कीमतें भी सितंबर में कमजोर दर से बढ़ीं।
 
सर्वेक्षण के अनुसार, सितंबर के दौरान रोजगार सृजन धीमा रहा। रोजगार में मामूली वृद्धि हुई क्योंकि निगरानी में रखी गई कंपनियों में से पांच प्रतिशत से भी कम ने नियुक्ति में वृद्धि दर्ज की।
 
इस बीच, भारत के निजी क्षेत्र में मजबूत वृद्धि जारी रही लेकिन सितंबर के दौरान नए ऑर्डर, अंतरराष्ट्रीय बिक्री, व्यावसायिक गतिविधि और रोजगार में धीमी वृद्धि हुई।
 
इस बीच, एचएसबीसी इंडिया कम्पोजिट आउटपुट सूचकांक सितंबर में 61.0 पर पहुंच गया जो अगस्त में 63.2 रहा था। यह जून के बाद से विस्तार की सबसे कमजोर दर को दर्शाता है।
 
समग्र पीएमआई सूचकांक तुलनीय विनिर्माण व सेवा पीएमआई सूचकांकों का भारित औसत है। ये भार आधिकारिक सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) आंकड़ों के अनुसार विनिर्माण एवं सेवा क्षेत्रों के सापेक्ष आकार को दर्शाते हैं।
 
एचएसबीसी इंडिया सेवा पीएमआई को एसएंडपी ग्लोबल ने करीब 400 सेवा क्षेत्र की कंपनियों के समूह को भेजे गए सवालों के जवाबों के आधार पर तैयार किया है।