आवाज द वॉयस/नई दिल्ली
कुम्बाला सरकारी उच्चतर माध्यमिक विद्यालय (जीएचएसएस) के छात्रों ने सोमवार को फलस्तीन समर्थक ‘माइम शो’ का फिर से मंचन किया, जिसे पिछले सप्ताह इस जिले में शिक्षकों ने बाधित कर दिया था।
काले कपड़े पहने छह छात्रों द्वारा प्रस्तुत यह ‘माइम शो’ स्कूल के कला महोत्सव का हिस्सा था तथा इसे देखने के लिए बड़ी संख्या में दर्शक आए।
‘माइम शो’ एक ऐसा नाटक या प्रस्तुति होता है जिसमें कलाकार बिना कोई बोल बोले केवल शारीरिक हाव-भाव और इशारों के माध्यम से कहानी या संदेश प्रस्तुत करते हैं।
इस बार छात्रों ने दिशानिर्देशों का पालन किया और फलस्तीन का झंडा नहीं फहराया। कलाकारों ने नारे लगाने से भी परहेज किया, लेकिन कुछ दर्शक फलस्तीन के समर्थन में नारे लगाते सुने गए।
प्रस्तुति देने वाले एक छात्र ने पत्रकारों से कहा, ‘‘हमें फिर से ‘माइम शो’ का मंचन करने का अवसर मिलने पर बहुत खुशी है। हम उन सभी का धन्यवाद करते हैं जिन्होंने हमारा समर्थन किया। हमारा उद्देश्य फलस्तीन के लोगों की पीड़ा को प्रदर्शित करना है और यह किसी के विरुद्ध नहीं था।’’
इस बीच, भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) कार्यकर्ताओं ने स्कूल में हुए ‘माइम शो’ के विरोध में एक मार्च निकाला। पुलिस ने प्रदर्शनकारियों को स्कूल गेट तक पहुंचने से पहले ही रोक दिया।
प्रदर्शनकारियों ने मांग की, ‘‘स्कूल के किसी कार्यक्रम में किसी दूसरे देश के समर्थन में नारे लगाना गैरकानूनी है। इस संबंध में एक मामला दर्ज करके जांच की जानी चाहिए।’’
पिछले शुक्रवार को, दो शिक्षकों ने ‘माइम शो’ को बीच में ही रोक दिया था जिसकी कड़ी आलोचना हुई थी। इसके बाद अभिभावक-शिक्षक संघ (पीटीए) ने शनिवार को एक बैठक की और कला महोत्सव को स्थगित करने का निर्णय लिया।
मुस्लिम स्टूडेंट्स फेडरेशन (एमएसएफ) और स्टूडेंट फेडरेशन ऑफ इंडिया (एसएफआई) ने शिक्षकों के खिलाफ कार्रवाई की मांग को लेकर प्रदर्शन किया।
शिक्षा मंत्री वी. शिवनकुट्टी ने हस्तक्षेप करते हुए कहा कि केरल फलस्तीन का समर्थन करता है और यह ‘माइम शो’ फिर से किया जाएगा।
शिक्षा विभाग ने इस घटना की जांच की, जिसमें दोनों शिक्षकों की संलिप्तता थी और जिला शिक्षा अधिकारी को एक रिपोर्ट सौंपी।