पटना
भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के वरिष्ठ नेता और राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) के विचारक राम माधव ने कहा है कि भारत आने वाले वर्षों में नयी वैश्विक व्यवस्था में निर्णायक और बड़ी भूमिका निभाने के लिए पूरी तरह तैयार है। वे शुक्रवार को पटना में अपनी नयी पुस्तक ‘द न्यू वर्ल्ड – 21st सेंचुरी ग्लोबल ऑर्डर एंड इंडिया’ के विमोचन समारोह को संबोधित कर रहे थे।
राम माधव ने अपने वक्तव्य में कहा कि बीते कुछ दशकों से विश्व जिस उदारवादी पश्चिमी व्यवस्था पर आधारित रहा है, वह अब धीरे-धीरे क्षीण हो रही है। उनका कहना था कि 21वीं सदी की बदलती परिस्थितियों में भारत, चीन और अन्य उभरती अर्थव्यवस्थाएँ वैश्विक शक्ति संतुलन को पुनर्परिभाषित कर रही हैं। ऐसे समय में भारत की राजनीतिक स्थिरता, आर्थिक प्रगति और तकनीकी क्षमता उसे अंतरराष्ट्रीय मंच पर महत्वपूर्ण नेतृत्वकारी स्थान दिला सकती है।
भाजपा के पूर्व राष्ट्रीय महासचिव माधव ने आगे कहा कि भारत के सामने अवसरों के साथ कई गंभीर चुनौतियाँ भी मौजूद हैं। उन्होंने विशेष रूप से दो प्रमुख मुद्दों पर जोर दिया—
कृत्रिम बुद्धिमत्ता (AI): उन्होंने कहा कि आने वाले दशकों में वैश्विक शक्ति संतुलन तकनीक पर निर्भर करेगा और भारत को इसमें अग्रणी बनने की आवश्यकता है।
जलवायु परिवर्तन: उन्होंने चेतावनी दी कि यह पूरी दुनिया के लिए एक साझा संकट है और भारत को न केवल अपने स्तर पर, बल्कि वैश्विक स्तर पर भी इसका समाधान खोजने में नेतृत्व करना होगा।
उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि भारत केवल भौगोलिक और आर्थिक शक्ति के आधार पर ही नहीं, बल्कि अपनी सांस्कृतिक विरासत और लोकतांत्रिक मूल्यों के जरिए भी दुनिया में नई दिशा दे सकता है।
माधव ने विश्वास जताया कि 21वीं सदी का वैश्विक परिदृश्य भारत को न केवल निर्णायक भूमिका निभाने का अवसर देगा, बल्कि इसे वास्तविकता में बदलने के लिए भारत को पूरी तैयारी करनी होगी।